कांग्रेस शासन की एक और योजना बंद करने जा रही मोदी सरकार
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार आने वाले दिनों में कांग्रेस के शासन मे शुरू की गई और योजना को बंद करने जा रही है। सरकार ने फैसला लिया है कि मार्च 2017 के बाद इंदिरा आवास योजना (IAY) लागू नहीं होगी। इसकी जगह प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) लॉन्च की जा रही है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना को अक्टूबर में लॉन्च करने की तैयारी की है। यानी कांग्रेस की ओर से शुरू की गई इंदिरा आवास योजना पीएम मोदी की आवास योजना के साथ करीब छह महीने तक चलेती रहेगी। सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है कि इंदिरा आवास योजना के तहत निर्माणाधीन भवनों का काम इस वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाए।
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आवास
योजना
में
मिलेगी
सब्सिडी
पीएम
मोदी
की
छाप
लिए
हुए
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
इंदिरा
आवास
योजना
की
जगह
लेगी।
यह
योजना
साल
1985
से
ग्रामीण
इलाकों
में
गरीबों
को
सब्सिडी
के
आधार
पर
घर
उपलब्ध
कराती
है।
2019
तक
एक
करोड़
घर
बनाने
का
लक्ष्य
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
के
तहत
मोदी
सरकार
का
लक्ष्य
2019
तक
एक
करोड़
घर
बनाने
का
है।
इसमें
भी
सब्सिडी
लागू
होगी।
योजना
लागू
करने
से
पहले
ग्रामीण
विकास
मंत्रालय
ने
आर्थिक,
सामाजिक
और
जातिगत
रूप
से
पिछड़े
लोगों
की
पहचान
की
है
जिन्हें
घर
मुहैया
कराना
है।
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नेहरू-गांधी
परिवार
की
योजनाओं
को
नया
जामा?
नेहरू-गांधी
परिवार
की
कई
योजनाओं
के
नाम
बदल
चुकी
मोदी
सरकार
से
उम्मीद
की
जा
रही
थी
कि
वह
इस
योजना
को
लेकर
भी
ऐसा
ही
करने
वाली
है।
हालांकि
सरकार
ने
आरोपों
को
खारिज
करते
हुए
कहा
कि
वह
नए
तरीके
से
ग्रामीण
विकास
की
रूपरेखा
तैयार
कर
रही
है
और
उसी
के
तहत
हाउसिंग
स्कीम
भी
ला
रही
है।
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एक
समस्या
यह
भी
है
मोदी
सरकार
के
सामने
यह
भी
एक
समस्या
है
कि
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
की
लॉन्चिंग
और
इंदिरा
आवास
योजना
को
बंद
करने
के
बीच
जो
समय
है
उसमें
करीब
38
लाख
निर्माणाधीन
आवास
हैं।
जिनका
काम
अधूरा
है।
इस
साल
अब
तक
करीब
10
लाख
अधूरे
घरों
का
निर्माण
कार्य
पूरा
हुआ
है।
सूत्रों
के
मुताबिक
केंद्र
सरकार
ने
राज्यों
को
साफ
निर्देश
दिए
हैं
कि
इस
वित्तीय
वर्ष
तक
आवासों
का
निर्माण
पूरा
कर
लिया
जाए
वरना
योजना
बंद
होने
जाएगी
और
उसके
लिए
फंड
नहीं
मिलेगा।
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एक
अधिकारी
ने
किया
दावा
एक
अधिकारी
ने
कहा
कि
निर्धारित
समय
में
आवासों
का
निर्माण
पूरा
किया
जा
सकता
है।
साल
2016
के
शुरुआती
पांच
महीनों
में
38
लाख
में
से
10
लाख
घर
बनाए
गए।
इस
लिहाज
से
आकंड़ा
ज्यादा
नहीं
है।