मॉब लिंचिंग पर मोदी सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने दिए संकेत
नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मोदी सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून को और सख्त बनाए जाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि, सरकार इस दिशा में काम कर रही है, मॉब लिंचिंग में बदलाव के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। गृह मंत्री ने बताया कि गठित की गई समिति भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रवधानों में बदलाव करने के बारे में चर्चा करेगी।
गौरतलब है कि, मॉब लिंचिंग की घटनाएं बीते कुछ सालों में काफी बढ़ गई हैं। लोगों को भीड़ द्वारा जान से मारे जाने के मामलों पर रोक लगाने और जनता में कानून का भय लाने के लिए मोदी सरकार इस दिशा में बड़े फैसले ले सकती है। राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग पर कानून में बदलाव का काम फिलहाल जारी है। प्रश्नकाल के दौरान एक सावल पूछे जाने पर शाह ने कहा कि, कानून में बदलाव को लेकर सभी राज्यों को मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सुझाव मांगे गए हैं।
नागरिकता
संशोधन
विधेयक
को
मिली
कैबिनेट
की
मंजूरी
संसद
में
मोदी
कैबिनेट
की
अहम
बैठक
बुलाई
गई
थी
जहां
नागरिकता
संशोधन
विधेयक,
1955
को
मंजूरी
मिल
गई।
इस
बिल
को
अगले
सप्ताह
(9
दिसंबर)
को
संसद
में
पेश
किया
जा
सकता
है।
इस
बिल
में
पड़ोसी
देशों
से
शरणार्थी
के
तौर
पर
आए
हिंदू,
जैन,
बौद्ध,
सिख,
पारसी
और
ईसाई
समुदाय
के
लोगों
को
भारतीय
नागरिकता
देने
का
प्रावधान
है।
इस
बिल
का
विपक्ष
विरोध
कर
रहा
है,
उन्होंने
इसे
संविधान
की
भावना
के
विपरीत
बताते
हुए
कहा
है
कि
नागरिकों
के
बीच
उनकी
आस्था
के
आधार
पर
भेदभाव
नहीं
किया
जाना
चाहिए।
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