पीओके के 5300 विस्थापित परिवारों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, मिलेगा 5.5 लाख मुआवजा
Recommended Video
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से आज जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि 5300 परिवारों को जम्मू कश्मीर के विस्थापितों की लिस्ट में जोड़ा गया है, जिसके बाद अब ये सभी लोग 5.5 लाख रुपए के मुआवजे के लिए योग्य होंगे। सरकार की ओर से इन सभी लोगों को 5.5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा प्रधानमंत्री विकास पैकेज से इन विस्थापितों को दिया जाएगा। ये वो विस्थापित लोग हैं जिन्होंने किसी वजह से जम्मू कश्मीर को छोड़ दिया था, लेकिन अब वापस अपने प्रदेश लौट आए हैं।
ऐतिहासिक
भूल
में
सुधार
केंद्रीय
मंत्री
प्रकाश
जावड़ेकर
ने
कहा
कि
ये
विस्थापित
लोग
पाकिस्तान
अधिकृत
कश्मीर
के
हैं
जोकि
जम्मू
कश्मीर
के
अलावा
अन्य
राज्यों
में
रह
रहे
थे।
इन
सभी
लोगों
को
सरकार
5.5
लाख
रुपए
का
मुआवजा
देगी।
चूंकि
ये
परिवार
जम्मू
कश्मीर
से
इतर
अन्य
राज्यों
में
रह
रहे
थे,
इस
वजह
से
इनके
नाम
इस
लिस्ट
में
नहीं
थे।
सरकार
इस
ऐतिहासिक
भूल
में
सुधार
कर
रही
है,
साथ
ही
इस
बात
को
सुनिश्चित
कर
रही
है
कि
इन
सभी
परिवारों
को
इसका
लाभ
मिले।
इन
परिवारों
की
संख्या
तकरीबन
5300
है।
लोगों
की
मदद
बता
दें
कि
प्रधानमंत्री
विकास
पैकेज
की
शुरुआत
जम्मू
कश्मीर
के
लोगों
के
लिए
खास
रूप
से
की
गई
है,
जिसके
तहत
इकट्ठा
होने
वाली
राशि
को
जम्मू
कश्मीर
के
लोगों
के
लिए
ही
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
इस
योजना
के
तहत
सरकार
उन
परिवारों
को
5.5
लाख
रुपए
का
मुआवजा
दे
रही
है
जोकि
पीओके
से
विस्थापित
होकर
भारत
आए
हैं।
प्रकाश
जावड़ेकर
ने
इस
बात
का
आज
ऐलान
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
में
किया
और
कहा
कि
हमारा
मकसद
जरूरतमंद
लोगों
की
मदद
करना
है।
10
अक्टूबर
से
पर्यटकों
के
लिए
खुलेगा
जम्मू
कश्मीर
बता
दें
कि
जम्मू
कश्मीर
से
आर्टिकल
370
को
खत्म
किए
जाने
के
बाद
से
यहां
के
हालात
को
पटरी
पर
लाने
की
तमाम
कोशिशें
की
जा
रही
हैं।
इसी
के
तहत
जम्मू-कश्मीर
के
राज्यपाल
सत्यपाल
मलिक
ने
कश्मीर
घाटी
में
यात्रियों
के
लिए
गृह
विभाग
के
निर्देश
पर
जारी
की
गई
ट्रैवल
एडवाजरी
को
हटा
दिया
गया
है।
उन्होंने
यह
फैसला
सोमवार
को
बुलाई
गई
समीक्षा
बैठक
में
लिया।
राज्यपाल
ने
निर्देश
दिया
कि
पर्यटकों
को
घाटी
छोड़ने
की
गृह
विभाग
की
एडवाइजरी
को
रद्द
किया
जा
रहा
है।
यह
आदेश
10
अक्टूबर
से
लागू
होगा।
बता
दें
कि,
जम्मू-कश्मीर
से
अनुच्छेद
370
हटाने
से
पहले
यह
ट्रैवल
एडवाइजरी
जारी
की
गई
थी।