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मोदी सरकार 2.0: इक्विटी निवेशकों को हुआ 27 लाख करोड़ का नुकसान, जो GDP की 13.5% है

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नई दिल्ली। कल यानी 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के केंद्र में लगातार दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ है। कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर चोट की है, जिससे स्टॉक निवेशकों के लिए यह वर्ष और आने वाला वर्ष भी चुनौतीपूर्ण रहा। क्योकि लॉकडाउन के चलते ठप पड़ी अर्थव्यस्था के कारण इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों को 27,00,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

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गौरतलब है इक्विटी निवेशकों को नुकसान हुए 27,00,000 करोड़ रुपए भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 13.5 फीसदी हिस्सा है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन से ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए घोषित 20,00,000 करोड़ रुपए(भारत की जीडीपी का 10 फीसदी) के आर्थिक पैकेज से 35 फीसदी अधिक था।

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रिपोर्ट कहती है कि इस अवधि के दौरान प्रत्येक 10 शेयरों में से 9 ने नकारात्मक रिटर्न दर्ज किया। इस वर्ष के लिए बीएसई-सूचीबद्ध शेयरों का सिर्फ 10 फीसदी शेयर ने सम्मानजनक दोहरे अंकों में वापसी कर सका। भारत की जीडीपी वृद्धि जो Covid-19 के पहले ही छह साल के निचले स्तर पर थी, वह चौथी तिमाही में यह गिरकर 3.1 फीसदी पर पहुंच गई है, जो कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का शुरुआती असर था।

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वित्त वर्ष 2020 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 11 साल के निचले स्तर पर 4.2 फीसदी पर आ गई। मासिक पीएमआई रीडिंग रिकॉर्ड उतार पर हैं, क्योंकि फैक्टरी आउटपुट दर लगातार मुरझा रही हैं और जोखिम-मुक्त दर गिर रही हैं, जिसने निवेशकों को कुछ भी निवेश करने लायक नहीं छोड़ा है। यानी पिछले तीन महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज जो कुच हुआ वह अभूतपूर्व था, क्योंकि भारत की अपनी सीमाएं हैं।

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सैमको सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख उमेश शाह ने कहा कि दिसंबर तिमाही तक विकास की धीमी रफ्तार कुछ हद तक जीएसटी रोलआउट जैसे पिछले सुधारों के दुष्परिणामों का नतीजा थी, जिसके परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।

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शाह ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर पिछले 100 वर्षों में बाजार में गिरावट का इतिहास बताता है कि भारतीय बाजार को सही करने के लिए यह एक आदर्श वातावरण था, क्योंकि केवल कुछ ही शेयर खराब प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके लिए उन्होंने घरेलू और विदेशी दोनों तरह की निधियों की झुंड मानसिकता को धन्यवाद किया।

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English summary
The Rs 27,00,000 crore loss to equity investors accounts for 13.5 per cent of India's GDP and it was announced by Prime Minister Narendra Modi to boost the economy stalled by a coronavirus-induced lockdown of Rs 20,00,000 crore (10 of India's GDP Per cent) was 35 per cent more than the economic package.
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