लॉकडाउन में विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाएगी मोदी सरकार, लेकिन इस शर्त पर
लॉकडाउन में विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाएगी मोदी सरकार, लेकिन इस शर्त पर
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोनावाारस से फैली महामारी के चलते लॉकडाउन किया गया हैं। जिसके चलते बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में फंसे हुए हैं। उनको भारत वापस लाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली हैं। केन्द्र सरकार ने इसको लेकर पूरा प्लान भी तैयार कर लिया हैं, लेकिन विदेश में लॉकडाउन के चलते फंसे भारतीयों को वापस लोने के लिए बनाई गई योजना में एक शर्त भी रखी गई है।
भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी हैं
बता दें गल्फ वॉर के बाद पहली भारत सरकार द्वारा इतनी बड़ी संख्या में ‘एयरलिफ्ट'करे विदेश में फंसे भारतीयों को लाया जाने की योजना हैं। केन्द्र सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को जानकारी दी कि ये अभियान 7 मई से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। इसे अब तक का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन बताया जा रहा है। मालूम हो कि इससे पहले 1990 में गल्फ वॉर के समय भारत ने कुवैत से करीब एक लाख 70 हजार भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया था। ये ऑपरेशन करीब 69 दिन तक चला था।
हवाई जहाज व नौ सेना के जहाजों द्वारा लाए जाएंगे भारतीय
यात्रा की सुविधा हवाई जहाज व नौ सेना के जहाजों द्वारा की जाएगी। इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार की गई है। विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे फंसे हुए भारतीयक नागरिकों की सूची तैयार कर रहे है। यह यात्राएं 7 मई से चरण-बद्ध तरीके से प्रारंभ होंगी।इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल (SOP) तैयार किया गया है।
यात्रियों को यात्रा का खर्चा खुद उठाना पड़ेगा
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 22 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। विदेश मंत्रालय के साथ दूतावास और उच्चायोग उन भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं जो कि वापस आने के लिए परेशान हैं। ऐसे यात्रियों को वापस लौटने के लिए अपना खर्च उठाना होगा। हवाई यात्रा के लिए गैर निर्धारित कॉमर्शियल फ्लाइट्स का इंतजाम किया जाएगा।
सभी यात्रियों की जाएगी स्क्रीनिंग
उड़ान भरने से पहले सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। ऐसे यात्रियों को ही लाया जाएगा जिनमें कोई बीमारी के लक्षण नहीं पाए जाएंगे। उन्हें ही यात्रा की अनुमति होगी। यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर करना होगा
डेस्टीनेशन पर पहुंच कर सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर करना होगा। सभी की मेडिकल जांच की जाएगी। जांच के बाद संबंधित राज्य सरकार द्वारा उन्हें अस्पताल में या संस्थागत क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए रखा जाएगा. जिसका भुगतान उन्हें ही करना होगा। इन सभी का 14 दिन के बाद दोबारा कोवडि 19 का टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जल्द ही दी जाएगी जानकारी
विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय शीघ्र ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट के जरिए साझा करेंगे। विदेश से वापस लौट रहे भारतीयों की जांच, क्वारंटाइन और अपने राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए राज्य सरकारों को सलाह दी जा रही है।
ऐसे चरणबद्ध तरीकें से वापस लाए जाएंगे भारतीय
7 मई से शुरू होने जा रहे इस अभियान के पहले चरण में खाड़ी देशों से भारतीयों को निकाला जाएगा इसके बाद दूसरे चरण में ब्रिटेन और अमेरिका में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा। वहीं दूसरे चरण की शुरुआत 25 मई से होने की संभावना है। ब्रिटेन से भारत आने के लिए करीब 9000 लोगों ने खुद कोअब तक रजिस्टर किया है। इनमें अधिकांश रुप से छात्र हैं या फिर पर्यटक हैं। वहीं अमेरिका से वापस आने के लिए करीब 22,000 हजार भारतीयों ने स्वयं को रिजस्टर किया है।
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