मोदी इफेक्ट: भारतीय मुद्रा 'रुपया' हुआ एशिया प्रशांत में सबसे मजबूत
डालर के मुकाबले अन्य मुद्राओं के विश्लेषण के अनुसार इस साल अभी तक रुपया 5.3 प्रतिशत मजबूत हुआ है और यह अन्य एशिया प्रशांत की मुद्राओं से आगे निकल गया है। यह इंडोनेशिया के रपैया और न्यूजीलैंड के डालर से अधिक तेजी से मजबूत हुआ है।
गत शुक्रवार को रुपया मजबूत होकर 58.52 प्रति डालर पर पहुंच गया। 2014 की शुरआत में भारतीय मुद्रा 61.8 प्रति डालर पर थी। छह माह से भी कम समय में रुपया 327 पैसे मजबूत हुआ है। विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ने से रपये में तेजी आई है। पिछले साल अगस्त में रुपया 68.80 प्रति डालर के निचले स्तर पर आ गया था।
कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रानिल पैन ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘चुनाव नतीजों के बाद सकारात्मक धारणा से हम एफअईआई के प्रवाह के अपने अनुमान को 5 अरब डालर बढ़ाकर 20 अरब डालर कर सके हैं। कुल भुगतान संतुलन अधिशेष 29 अरब डालर रहेगा। वित्त वर्ष 2014-15 में रुपया 57 से 61 प्रति डालर के दायरे में रहेगा।''
एशिया प्रशांत में भारतीय मुद्रा के बाद इंडोनेशिया के रपिया में सबसे ज्यादा 4.6 प्रतिशत की मजबूती दर्ज हुई है। इस दौरान न्यूजीलैंड का डालर 3.75 प्रतिशत व आस्ट्रेलियाई मुद्रा 3.5 प्रतिशत मजबूत हुई।
चालू कैलेंडर साल में अभी तक जापानी येन, दक्षिण कोरियाई वॉन व मलेशियाई रिंगिट में 2 से 3 प्रतिशत की मजबूती दर्ज हुई है। डालर के मुकाबले अभी तक फिलिपींस का पीसो 1.6 प्रतिशत, थाइलैंड का बात और सिंगापुर का डालर आधा प्रतिशत मजबूत हुआ। हांगकांग का डालर मूल्य इस साल कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि ताइवान के डालर व चीन के युआन का मूल्य घटा है। कुछ विश्लेषकों का हालांकि मानना है कि हाल के बेहतर प्रदर्शन के बाद भारतीय रुपए में गिरावट का जोखिम बना हुआ है।