मोदी के 4 साल पर सर्वे: आज चुनाव हो तो भाजपा को अकेले दम पर बहुमत नहीं
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नई दिल्ली। मोदी सरकार के चार साल पर एबीपी न्यूज ने सीएडीएस के साथ मिलकर एक सर्वे जारी किया है। 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए किए गए सर्वे के मुताबिक, आज के वक्त में अगर चुनाव हो तो भाजपा को अकेले बहुमत नहीं मिलेगा लेकिन एनडीए सरकार बनाने में कामयाब होगा। 543 सीटों पर आज चुनाव की स्थिति में एनडीए को 274 यूपीए को 164 जबकि अन्य को 105 सीटें मिलेंगी। 2014 में एनडीए को 323, यूपीए को 60 जबकि अन्य को 153 सीटें मिली थीं। ऐसे में एनडीए को 49 सीटों का जबकि अन्य को 48 सीटों का नुकसान हो रहा है। वहीं यूपीए को 104 सीटों का फायदा हो रहा है।
वोट प्रतिशत की बात की जाए तो एनडीए और यूपीए दोनों का वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। आज एनडीए को 37 फीसदी, यूपीए को 31 फीसदी और अन्य को 32 फीसदी वोट मिल रहे हैं। 2014 में एनडीए को 36 फीसदी यूपीए को 25 फीसदी और अन्य को 39 प्रतिशत वोट मिले थे।
राहुल गांधी की लोकप्रियता में भी 2014 के मुकाबले इजाफा हुआ है। तब 16 फीसदी लोग उन्हें पसंद कर रहे थे, अब 24 फीसदी पसंद कर रहे हैं। वहीं मोदी की लोकप्रियता में 2 फीसदी की गिरावट है। मोदी की लोकप्रियता मई 2014 के 36 फीसदी के मुकाबले अभी 34 फीसदी है।
बिहार में एनडीए गठबंधन राज्य में बढ़त बनाए हुए है। ताजा सर्वे के मुताबिक एनडीए को राज्य में 60 फीसदी, कांग्रेस समर्थित यूपीए को 34 फीसदी और अन्य के खाते में 6 फीसदी वोट शेयर जाता दिख रहा है। आपको बता दें कि 2014 में बिहार में बीजेपी के एनडीए गठबंधन को 51 फीसदी वोट शेयर मिला था। सर्वे के मुताबिक, एनडीए के खाते में 9 फीसदी वोट शेयर का इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं यूपीए के वोट शेयर में 6 फीसदी वोट शेयर का इजाफा हुआ है। हालांकि अन्य पार्टियों को 15 फीसदी वोट शेयर का नुकसान हो सकता है।
सर्वे को मुताबिक राज्य में नीतीश कुमार और बीजेपी की लहर है। वहीं लालू प्रसाद को नुकसान होता दिख रहा है। सर्वे में कहा गया है कि नीतीश कुमार के बीजेपी में जाने के बाद बीजेपी को बड़ा फायदा हुआ है। वहीं राजद प्रमुख लालू यादव के जेल जाने से पार्टी को नुकसान हुआ है। राजद को 5 फीसदी वोट का नुकसान हो सकता है।
सर्वे में पश्चिम बंगाल में टीएमसी को सबसे बड़ी बढ़त हासिल होती दिख रही है। अगर राज्य के वोट शेयर की बात करें तो टीएमसी के खाते में 44 प्रतिशत, यूपीए के खाते में 11 फीसदी , लेफ्ट को 17 फीसदी और एनडीए को 24 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है।
2014 के चुनावों में अन्य के खाते में राज्य का 73 फीसदी वोट था तो वहीं यूपीए को 10 फीसदी और एनडीए को 17 फीसदी वोट शेयर आया था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अन्य के वोट बैंक में एनडीए जबरदस्त सेंध लगाई है। बीजेपी को 7 फीसदी का फायदा हुआ है तो वहीं यूपीए को एक प्रतिशत फायदा हुआ है। वहीं अन्य को 8 फीसदी का घाटा होता दिख रहा है।
पूर्वी राज्यों में बीजेपी को बड़ी बढ़त होती दिख रही है। पूर्वी राज्य बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल , झारखंड ,असम और पूर्वोत्तर राज्यों में एनडीए गठबंधन का खासी बढ़त मिलती दिख रही है। अगर आज चुनाव हो जाता है तो बीजेपी को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है।
2014 में एनडीए को पूर्वी राज्यों में 58 सीटें मिली थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 86 से 94 सीटों तक पहुंच गया है। वहीं 2014 में यूपीए को 21 सीटें मिली थी लेकिन आज के समय में सर्वे के मुताबिक 22-26 सीटें मिल सकती है। सबसे बड़ा झटका अन्य दलों को लगा है। जहां इन तमाम पार्टियों को 2014 में 63 सीटें मिली थी वह घटकर 26-30 पर पहुंच गईं है।
महाराष्ट्र में यूपीए को फायदा हो रहा है, सर्वे में यूपीए को 40 फीसदी जबकि एनडीए को 48 फीसदी वोट मिल रहे हैं। वहीं 2014 में एनडीए को 51 फीसदी और यूपीए को 35 प्रतिशत वोट मिले थे। सर्वे के मुताबिक, शिवसेना के साथ लड़ने पर भाजपा को फायदा होगा।
यूपी में एनडीए को नुकसान की बात कही गई है। 2019 में एनडीए को 35 फीसदी, यूपीए को 12 प्रतिशत और सपा-बसपा को 46 फीसदी वोट मिल रहे हैं। 2014 में एनडीए को यूपी में 80 में से 73 सीटें मिली थीं और उसे 43 फीसदी वोट मिले थे, जिसमें आठ फीसदी का नुकसान हो रहा है। 2014 में एनडीए को 43 फीसदी जबकि यूपीए को आठ फीसदी वोट मिले थे। यहां एसपी-बीएसपी को भारी फायदा होगा।
गुजरात में भी यूपीए को फायदा और एनडीए को हल्का सा नुकसान हो रहा है। सर्वे के अनुसार, 2019 के इलेक्शन में यूपीए को 42 फीसदी जबकि एनडीए को 54 फीसदी वोट मिल रहे हैं। वहीं 2014 में एनडीए को 59 फीसदी और यूपीए को 33 प्रतिशत वोट मिले थे। यहां बीजेपी का पांच प्रतिशत वोट घट रहा है जबकि कांग्रेस का 9 प्रतिशत बढ़ रहा है। गुजरात में भाजपा की सीटें भी घटने का अनुमान है।