भारत को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की कवायद, कैबिनेट ने दी सेमीकंडक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी
नई दिल्ली, 15 दिसंबर: मोदी सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया, जहां केंद्रीय कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना पर अगले 6 साल में 76,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बाजार में भारत निर्मित सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड मिलेंगे। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
मामले में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये योजना माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद करेगी। साथ ही एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग आने वाले समय में 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगी। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक योजना के बाद इस इंडस्ट्री में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। साथ ही माइक्रोचिप की कमी की वजह से प्रोडक्शन में जो कमी आई थी, वो दूर हो जाएगी। इससे भारत इलेक्ट्रॉनिक हब बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
Recommended Video
कैबिनेट ने UPI और Rupay डेबिट कार्ड का उपयोग करके डिजिटल लेनदेन पर 1300 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति को मंजूरी दी। मामले में अनुराग ठाकुर ने कहा कि भीम यूपीआई आदि के माध्यम से छोटी मात्रा में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक योजना को मंजूरी दी गई है। इस पर लगभग 1,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इससे Rupay डेबिट कार्ड , भीम-यूपीआई डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में मदद मिलने की संभावना है। वहीं कैबिनेट ने इस बैठक में 2021-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यान्वयन को भी मंजूरी दी। मामले में जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस योजना से देशभर में लगभग 22 लाख किसानों को लाभ होगा।