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बिजली दरों में आई गिरावट, जगमग हुआ देश, भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा

पिछले तीन सालों में, उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत कम करने के लिए कई प्रयास हुए।सरकार ने बिजली मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में समग्र और दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। सभी को चौबीसों घंटे सस्ती बिजली मिले केंद्र की मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। सरकार की ये कोशिश बहुत हद तक सफल भी हुई है। अब शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह बिजली पहुंच रही है। वहीं सरकार का ये दावा है कि अगले साल तक हर गांव में सस्ती बिजली पहुंच जाएगी। बिजली सस्ती होने से इसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी हो रहा है।

बिजली दरों में आई गिरावट, जगमग हुआ देश, भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा

बिजली दरों में गिरावट

मोदी सरकार की नीतियों के चलते तीन साल से कम समय में भी आज पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा का भी भरपूर उत्पादन होने लगा है। सबसे बड़ी बात भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं बना है बल्कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बाजार उभर कर भी सामने आया है। उर्जा क्षेत्र में इस कायापलट के पीछे उन योजनाओं के क्रियान्यवन में बेहतर तालमेल रहा है जिस पिछले तीन सालों में सरकार ने लागू किया है।सबसे बड़ी बात बिजली तेजी से सस्ती हो रही है ये तब संभव हुआ है जब केंद्र और राज्य की सरकारें बेहतर तालमेल से काम कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर हम चंडीगढ़ को देख सकते है यहां बिजली की कीमतों में गिरावट आई है। हाल ही में, चंडीगढ़ में बिजली 18% से सस्ती हुई है। ऐसा इसलिए हुआ है चंडीगढ़ बिजली विभाग ने घरेलू और व्यवसायिक दोनों उपभोक्ताओं के लिए एफपीपीसीए शुल्क घटा दिया है। घरेलू श्रेणी में नियमित रूप से टैरिफ में कमी आई है। इसी तरीके से अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड और राजस्थान में भी बिजली सस्ती है यहां बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

शक्ति' से हुआ समग्र सुधार

पिछले तीन सालों में, उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत कम करने के लिए कई प्रयास हुए।सरकार ने बिजली मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में समग्र और दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है। सुधार मूल्य श्रृंखला का पहला चरण, कोयला, से शुरू होता है।सरकार ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया को संस्थागत किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्यों को भारी राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछली यूपीए सरकार की गलत कोयला नीति की वजह से अधर में फंसे दर्जनों ताप बिजली घरों में फिर से काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। हाल ही में 'शक्ति' नाम से एक नई कोल लिंकेज पॉलिसी को मंजूरी दी गई है जो नए ताप बिजली घरों को आसानी से कोयला ब्लॉक उपलब्ध कराएगा। साथ ही पुराने एवं अटके पड़े बिजली घरों को भी कोयला उपलब्ध हो सकेगा। इससे कम से कम 30 हजार मेगावाट क्षमता का अतिरिक्त उत्पादन शुरू हो सकेगा। यानि अगर उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी तो बिजली की दरों भी कटौती की संभावना रहेगी। यूपीए सरकार ने वर्ष 2007 में कोल लिंकेज नीति लाई थी जिसके तहत 1,08,000 मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाओं को कोयला देने का समझौता किया गया था, लेकिन उस दौरान कोयला उत्पादन नहीं बढ़ पाने की वजह से इनमें से अधिकांश परियोजनाएं अटकी हुई थी।

कई बदलाव पहली बार हुए

पहली बार कई तरह की अच्छी चीजे देखने को मिल रही है। लोगों सो सस्ती बिजली भी मिल रही है और वातावरण को कोई नुकसान भी नहीं हो रहा है।। प्रतिस्पर्धात्मक बोली-प्रक्रिया भी मेगा पावर पॉलिसी का आधार बना है। राष्ट्रीय ऊर्जा कुशल कृषि पंप कार्यक्रम किसानों को फायदा हो रहा है। उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (यूडीएआई) के माध्यम से बिजली क्षेत्र में सुधार हुआ है। देश की बिजली वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति में सुधार करके उनको पटरी पर लाने के लिए Ujwal DISCOM Assurance Yojana (UDAY)लागू किया गया। सभी घरों को 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना ही इस योजना का मूल उद्देश्य है। यह योजना 20 नवंबर, 2015 से शुरू की गई इससे विरासत में मिली 4.3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की समस्या का मोदी सरकार ने स्थायी समाधान निकाल लिया। आज देश के सभी राज्य इस योजना से जुड़ चुके हैं।

पीएम मोदी की दूरदर्शिता का कमाल

सारी स्थिति को भांपकर पीएम मोदी ने देश को बिजली संकट से निकालने के लिए बहुत दूर की सोची और कोयला, बिजली और अक्षय उर्जा के मंत्रालय का कार्यभार एक ही व्यक्ति को सौंप दिया। परिणाम ये हुआ है कि तीन साल पहले भयंकर बिजली संकट से गुजरने वाला देश आज बिजली निर्यात भी करने लगा है।

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English summary
सभी को चौबीसों घंटे सस्ती बिजली मिले केंद्र की मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। सरकार की ये कोशिश बहुत हद तक सफल भी हुई है। अब शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह बिजली पहुंच रही है। वहीं सरकार का ये दावा है कि अगले साल तक हर गांव में सस्ती बिजली पहुंच जाएगी। बिजली सस्ती होने से इसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी हो रहा है
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