पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में मोबाइल बैन, आइसोलेशन वार्ड का वीडियो वायरल होने के बाद ममता सरकार ने लिया फैसला
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में कोरोना मरीजों की संख्या 450 के पार पहुंच गई है। इस बीच कोलकाता के आइसोलेशन वार्ड की खराब हालत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसको लेकर राजनीति गरमा गई है। ऐसे में अब पश्चिम बंगाल शासन ने अस्पतालों में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी है। इसके पीछे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा का हवाला दिया गया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इस आदेश को वायरल वीडियो से जोड़ दिया है।
Recommended Video
मोबाइल से फैल सकता है कोरोना?
मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। अब डॉक्टर, मरीज, मेडिकल स्टाफ या तीमारदार कोई भी मोबाइल फोन के साथ अस्पताल में एंट्री नहीं कर सकेगा। मुख्य सचिव के मुताबिक मोबाइल फोन से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है, इस वजह से उन्होंने ये फैसला लिया है। अस्पताल में स्टाफ और मरीजों के इस्तेमाल के लिए लैंडलाइन और इंटरकॉम लगाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के मुताबिक आइसोलेशन वार्ड का वीडियो वायरल होने की वजह से ममता सरकार ने ये फैसला लिया है।
What’s very concerning is, inspite of this VDO being super-viral on all platforms, TILL NOW the WB Govt of @MamataOfficial Didi, did not come up with any claim that this is a fake VDO or that the hospital is not Bangur!!That takes us Very Close to believing it is indeed authentic https://t.co/Ec92ByNdgg
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) April 21, 2020
आइसोलेशन वार्ड में पड़े थे शव
दरअसल कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में वार्ड की खस्ता हालात साफ दिखाई दे रही थी। आइसोलेशन वार्ड में चारों ओर गंदगी थी और मरीजों के बेड भी पास-पास थे। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा था। इस आइसोलेशन वार्ड में दो शव पड़े थे, जिसको नहीं हटाया गया था। शवों के पास मरीज बैठे हुए थे। वहीं वीडियो में मरीज इधर-उधर घूमते और डॉक्टरों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।
बाबुल सुप्रियो का ममता सरकार पर निशाना
इस वीडियो को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कई बार पोस्ट किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, इसके बाद भी ममता सरकार ने ये दावा नहीं किया है कि ये वीडियो फर्जी है या बांगुर अस्पताल का नहीं है। ऐसे में लग रहा है कि वीडियो सही है। बाबुल सुप्रियो के मुताबिक वीडियो बनाने वाले शख्स की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और बाद में पुलिस ने उसे उठा लिया। ऐसे में अब उस व्यक्ति से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है।