'मॉब लिंचिंग के नाम पर देश को बदनाम करने की साजिश हो रही है'
नई दिल्ली। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरे को पूरा भारत काफी भव्यता के साथ मनाता है, इस दिन जगह-जगह रावण का पुतला फूंका जाता है, इसके अलावा आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी है। इस मौके पर आयोजित 'आरएसएस-पथ संचलन मार्च' में आज संघ प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए, इसके बाद उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया।
'मॉब लिंचिंग के नाम पर देश को बदनाम करने की साजिश'
अपने संबोधन में उन्होंने मोदी सरकार और सेना की तारीफ करते हुए कानून तोड़ने वालों और धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने वालों की क्लास भी लगाई, उन्होंने कहा कि लिंचिंग जैसे शब्द भारतीय संस्कृति में नहीं रहे हैं. मॉब लिंचिंग के नाम पर भारत को दुनिया में बदनाम किया जा रहा है, संघ के कार्यकर्ता हमेशा हिंसा की घटनाओं को रोकने का काम करते है, मॉब लिंचिंग के नाम पर देश में साजिश रची जा रही है, हिंसक घटनाओं में दोषी जो भी हो उसे कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए.अब अपना समाज है, अपना देश एक है।
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'अर्थव्यवस्था को लेकर गलत धारणा नहीं बनने दें'
यह कार्यक्रम संघ मुख्यालय रेशम बाग मैदान में हो रहा है। आज संघ की स्थापना के 94 वर्ष पूरे हो गए। विजयादशमी पर संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में देश की आर्थिक स्थिति पर भी बड़ी बात कही, उन्होंने कहा कि मंदी जैसी बात ग्रोथ रेट शून्य से नीचे जाने पर कही जाती है, हमारी तो ग्रोथ रेट 5 पर है,सरकार ने इस विषय पर संवेदनशीलता का उदाहरण दिया है लेकिन अकेले सरकार उपाय नहीं कर सकती है, हम सबको सब उपाय करने होंगे।
एचसीएल के अध्यक्ष व संस्थापक शिव नाडर हैं मुख्य अतिथि
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए एचसीएल के अध्यक्ष व संस्थापक शिव नाडर शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद हैं। नाडर ने भी अपने संबोधन में कहा कि देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन अकेले सरकार सारी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है। निजी क्षेत्र, नागरिकों, एनजीओ को भी इन चुनौतियों से पार पाने में अपना योगदान देना चाहिए।
दशहरे के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी गई थी..
मालूम हो कि विजयदशमी यानी दशहरे के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी गई थी, दिन था 27 सितंबर, 1925 जब दशहरे के मौके पर मुंबई के मोहिते के बाड़े नामक जगह पर डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस की नींव रखी थी, ये RSS की पहली शाखा थी जो संघ के पांच स्वयंसेवकों के साथ शुरू हुई थी, आज पूरे देश में 50 हजार से अधिक शाखाएं हैं।
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