मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मायावती ने मोदी सरकार को घेरा, कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली। मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार को कहा कि मॉब लिंचिंग भयानक बीमारी है, जिसे खत्म करने के लिए देशव्यापी कानून बनाने की जरूरत है। बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के चलते देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। इसकी जद में अब केवल दलित, आदिवासी और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग भी आ रहे हैं और पुलिस भी इसका शिकार बन रही है।
मॉब लिंचिंग एक भयानक बीमारी: मायावती
मायावती ने शनिवार को एक बयान जारी करके मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर सरकार को घेरा। बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, "मॉब लिंचिंग एक भयानक बीमारी के रूप में देश भर में उभरने के पीछे वास्तव में खासकर बीजेपी सरकारों की कानून का राज स्थापित नहीं करने की नीयत व नीति की ही देन है, जिससे अब केवल दलित, आदिवासी और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग और पुलिस भी शिकार बन रही है।"
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'देशव्यापी कानून बनाने की जरूरत'
मायावती ने कहा कि उन्मादी और भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से सामाजिक तनाव काफी बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केन्द्र को गम्भीर होकर मॉब लिंचिंग पर अलग से देशव्यापी कानून अब तक जरूर बना लेना चाहिये था लेकिन लोकपाल की तरह मॉब लिंचिंग के मामले में भी केन्द्र उदासीन है और कमजोर इच्छाशक्ति वाली सरकार साबित हो रही है। ऐसे में यूपी विधि आयोग की पहल स्वागत योग्य है।"
'यूपी विधि आयोग की पहल स्वागत योग्य'
बसपा अध्यक्ष ने जारी बयान में कहा, "उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग की यह पहल स्वागत योग्य है कि भीड़ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अलग से नया सख्त कानून बनाया जाए, इसके मसौदे के रूप में आयोग ने उत्तर प्रदेश काम्बैटिंग ऑफ मॉब लिंचिंग विधेयक, 2019' राज्य सरकार को सौंप कर दोषियों को उम्र कैद की सजा तय किए जाने की सिफारिश की है।"
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