मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, एक हफ्ते का दिया वक्त
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गोरक्षा के नाम पर हिंसा को लेकर राज्यों को दिए गए दिशा-निर्देशों को लागू करने के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 16 राज्यों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी तो वहीं अन्य राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग के मामले पर चिंता जताई है और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि रिपोर्ट न सौंपने की स्थिति में संबंधित राज्य के गृह सचिव को कोर्ट में हाजिर होना होगा।
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मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में सभी राज्यों और केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि अगर जरूरी हो तो इस प्रकार के मामलों पर रोक लगाने के लिए कानून बनाएं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया था कि वो भड़काऊ बयानबाजी, हेट स्पीच और अफवाहों आदि से निपटने के लिए उचित कदम उठाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि सरकारें अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मॉब लिंचिंग के खिलाफ गाइडलाइन जारी करें। इस मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा को गलत मानते हुए राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का राज्यों को निर्देश दिया था।
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