जिग्नेश से हाथ मिलाने की तैयारी में रावण, यूपी में दलित राजनीति को दे सकते हैं नई दिशा
नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को इस सप्ताह यूपी की योगी सरकार ने रिहा कर दिया। रावण के रिहाई के कई सियासी मायने देखे जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि , गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति को एक नई दिशा दे सकते हैं। जिग्नेश पिछले लंबे समय से रावण के समर्थन में सक्रिय रहे हैं और वह सहारनपुर के भी कई बार दौरे कर चुके हैं।
माना जा रहा है कि चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई के साथ अब उत्तर प्रदेश में गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की सक्रियता भी बढ़ेगी। जिग्नेश मेवाणी पहले ही रावण को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात कह चुके हैं। अब जबकि चंद्रशेखर जेल से रिहा हो गए हैं तो वह जिग्नेश मेवाणी के साथ मिलकर प्रदेश में दलित राजनीति में एक नया विकल्प बनकर उभरने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल दोनों युवा नेताओ का फोकस पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है। यहां पर चंद्रशेखर के रूप में दलितों का नया नेतृत्व मिल सकता है।
वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि कांग्रेस जिग्नेश मेवाणी के सहारे चंद्रशेखर को अपने खेमें शामिल करने की जुगत में है। शुक्रवार रात जेल से बाहर आए रावण ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। रावण ने कहा था कि, बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकना है। न सोएंगे और न सोने देंगे जब तक कि 2019 में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ ना दें। कोई स्वागत समारोह नहीं होगा। अगर कोई सोच रहा है तो वह उसे मन से निकल दे। मैं जेल से बाहर काम करने के लिए आया हूं।
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