जानिए, मिजोरम में कांग्रेस-बीजेपी का वोट शेयर, किसे हुआ नुकसान, किसको मिला फायदा
नई दिल्ली। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीतकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने एक दशक बाद यहां सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस ने भले ही तीन राज्यों में जीत हासिल की है लेकिन वह पूर्वोत्तर में अपना अंतिम गढ़ हार गई। साल 2013 विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को केवल पांच सीटें प्राप्त हुई थीं, जबकि कांग्रेस ने यहां 34 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। लेकिन इस बार कांग्रेस पांच सीटों पर इस राज्य में सिमट गई।
अगर बात मिजोरम में सभी पार्टियों के वोट प्रतिशत की करें तो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी मिजो नेशनल फ्रंट के मत प्रतिशत काफी बड़ा इजाफा देखने को मिला है। एमएनएफ के खाते में 37.6 फीसदी, कांग्रेस के खाते में 30.2 फीसदी तो भाजपा के खाते में 8 फीसदी मत गए हैं। जहां 2013 में एमएनएफ का मत प्रतिशत 28.7 फीसदी था वह इस चुनाव में बढ़कर 37.6 प्रतिशत हो गया। यानि एमएनएफ के वोट बैंक में 8.9 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अगर बात कांग्रेस के मत शेयर की करे तो 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 44.6 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर में 14.4 फीसदी की गिरावट हुई है। कांग्रेस के खाते में इस चुनाव में 30.2 प्रतिशत मत आए।
अन्य पार्टियों के मत शेयर की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में अन्य के खाते में वोट शेयर बढ़ा है। 2013 के विधानसभा चुनाव में अन्य को 26.7 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनावों में अन्य के वोट शेयर में 5.5 प्रतिशत मतों का इजाफा देखने को मिला। इस बार अन्य के खाते में 32.2 प्रतिशत मत आए है। अगर बात अन्य में शामिल बीजेपी की करें तो उसके खाते में अकेले 8 फीसदी मत आए हैं। बीजेपी का वोट प्रतिशत पांच गुना बढ़ा और 0.4 से बढ़कर आठ प्रतिशत पर पहुंच गया।
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