असम विवाद के बीच मिजोरम ने बॉर्डर एरिया को घोषित किया ड्रोन के लिए 'नो फ्लाइंग' जोन
अइजोल, जुलाई 30: असम के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच मिजोरम के कोलासिब जिला प्रशासन ने कई क्षेत्रों को ड्रोन के लिए 'नो फ्लाइंग' जोन घोषित किया है। इस आदेश से प्रभावित क्षेत्रों में वैरेंगटे और ऐतलांग शामिल हैं। शुक्रवार को एक आदेश में कोलासिब जिला प्रशासन ने कहा कि सेना को भी संबंधित क्षेत्रों में ड्रोन संचालित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी।
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असम-मिजोरम में स्थिति पर नजर रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की छह कंपनियों को तैनात किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआरपीएफ के जवानों ने दोनों राज्यों के बीच नेशनल हाईवे 306 पर गश्त शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को असम और मिजोरम के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक समझौता किया गया था।
दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी ने केंद्रीय बलों को शांति रक्षक के रूप में कार्य करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की। बता दें कि, असम और मिजोरम के बलों के बीच सोमवार को हुई झड़प में पांच पुलिस अधिकारियों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। जबकि असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि मिजोरम ने असम पुलिस कर्मियों पर गोली चलाने के लिए "लाइट-मशीन गन" का इस्तेमाल किया, मिजोरम ने आरोप लगाया कि यह असम पुलिस थी जिसने पहले गोली चलाई थी।
असम सरकार ने भी शुक्रवार को एक अभूतपूर्व एडवाइजरी जारी कर अपने लोगों से मिजोरम की यात्रा नहीं करने को कहा है। एडवाइजरी में मिजोरम में रहने वाले असमिया लोगों से "अत्यंत सावधानी बरतने" के लिए कहा गया। शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में, नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम ने असम और मिजोरम दोनों से एकजुट रहने और लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए एक साथ आने की अपील की।
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बयान में कहा गया है, दोनों पक्षों की जान और चोट का नुकसान एक चौंकाने वाला और खेदजनक परिणाम है, और हम प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही, हमें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से सही सबक लेना चाहिए।