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मानुषी छिल्‍लर ने पीरियड्स पर कही बड़ी बात, पर बहुत कड़वा है भारतीय महिलाओं का पूरा सच

मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर बाकी मिस वर्ल्ड की तरह बॉलीवुड में काम करने में बिल्कुल रुचि नहीं रखती हैं। मानुषी का कहना है कि वो मेंस्ट्रुएशन की दिशा में काम करेंगी और इसके लिए कई यात्राएं भी करने वाली हैं। पीरियड्स को लेकर भारत में महिलाओं की स्थिति काफी चिंताजनक है।

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Miss World Manushi Chhilar

नई दिल्ली। मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर बाकी मिस वर्ल्ड की तरह बॉलीवुड में काम करने में बिल्कुल रुचि नहीं रखती हैं। मानुषी का कहना है कि वो मेंस्ट्रुएशन की दिशा में काम करेंगी और इसके लिए कई यात्राएं भी करने वाली हैं। पीरियड्स को लेकर भारत में महिलाओं की स्थिति काफी चिंताजनक है। 21वीं सदी में भी महिलाएं इस दौरान बरतने वाली सावधानियों से परिचित नहीं है।

जागरुकता फैलाना चाहती हैं मानुषी

जागरुकता फैलाना चाहती हैं मानुषी

मानुषी छिल्लर ने मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वो पीरियड्स के दिनों में बरती जाने वाली सावधानी से महिलाओं को अवगत कराएंगी। मानुषी ने कहा, 'मैं इसको लेकर महिलाओं में जागरुकता फैलाना चाहती हूं। मेरे साथ इसमें बाकी मिस वर्ल्ड भी जुड़ेंगी।' मानुषी ने आगे कहा कि अभी सैनेटरी नैपकिन भी हर किसी के बस में नहीं है।

12 प्रतिशत टैक्स से सैनेटरी नैपकिन हुआ महंगा

12 प्रतिशत टैक्स से सैनेटरी नैपकिन हुआ महंगा

सैनेटरी नैपकिन्स का सभी महिलाओं तक न पहुंच पाने के पीछे का एक कारण इसपर लगने वाला महंगा टैक्स भी है। हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सैनेटरी नैपकिन्स को टैक्स के दायर से बाहर नहीं किया गया। भारत में सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स लगता है। हैरानी वाली बात ये है कि जीएसटी काउंसिल ने बिंदी, चूड़ी और सिंदूर को टैक्स के दायरे से बाहर किया लेकिन महिलाओं की जरूरतों का कोई ध्यान नहीं रखा गया।

कई महिलाओं के लिए सपना है ये

कई महिलाओं के लिए सपना है ये

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को फटकार लगाकर पूछा भी था कि जरूरत के सामान पर टैक्स क्यों लगाया गया है। सरकार जहां सैनेटरी नैपकिन्स पर राजनीति कर रही है, वहीं आम महिलाएं इसके सस्ते होने की उम्मीद कर रही है। सैनेटरी नैपकीन आज भी कई महिलाओं के लिए केवल एक सपना मात्र है।

ब्लड फ्लो रोकने के लिए करती हैं ऐसा

ब्लड फ्लो रोकने के लिए करती हैं ऐसा

भारत जैसे देश में, जहां पीरियड्स के साथ न जाने कितने तरह के अंधविश्वास जुड़े हैं, ऐसे में सैनेटरी नैपकीन्स एक मूल जरूरत है। कौन बनेगा करोड़पति में आए एनजीओ गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता ने बताया था कि आज के दौर में भी महिलाएं ब्लड का फ्लो रोकने के लिए राख और बालू जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं।

सैनेटरी नैपकिन इस्तेमाल न करने से होती हैं बीमारी

सैनेटरी नैपकिन इस्तेमाल न करने से होती हैं बीमारी

महिलाओं द्वारा सैनेटरी नैपकिन्स की बजाय इन चीजों का इस्तेमाल करने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बेघर और रेड लाइट एरिया में रहने वाली औरतों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है लेकिन इसके बावजूद सरकार सैनेटरी नैपकिन्स को जीएसटी के दायरे से बाहर करने को तैयार नहीं है।

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English summary
Miss World Manushi Chhilar will create awareness on Menstrual Hygiene. 12 percent GST still on sanitary napkins.
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