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मीसा भारती ने चुनाव से पहले दी 15 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी, हारते ही लिया वापस

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पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र सीट से हारने के बाद अपनी सांसद निधि से 15 करोड़ रुपये की परियोजना की मंजूरी वापस ले ली। मीसा भारती ने चुनाव लड़ने के कुछ दिनों पहले इस परियोजना को मंजूरी दी थी। हार के बाद मंजूरी वापस लेने पर विपक्ष ने मीसा के उपर निशाना साधा है। मीसा के फैसले से योजना विभाग के अधिकारी परेशान हैं। मीसा भारती को हालिया लोकसभा चुनावों में भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने हराया था।

चुनाव से पहले 15 करोड़ की विकास परियोजनाओं को दी थी मंजूरी

चुनाव से पहले 15 करोड़ की विकास परियोजनाओं को दी थी मंजूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई 2016 में राज्यसभा सांसद चुनी गईं मीसा भारती ने अपने कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में अपनी सांसद निधि का इस्तेमाल नहीं किया। किसी संसद सदस्य को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए सांसद निधि योजना के तहत हर साल पांच करोड़ रुपए आवंटित किए जाते हैं। आम चुनावों से पहले मीसा ने पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पटना के ग्रामीण इलाके में विकास कार्य करने के लिए अपने फंड से राशि जारी की थी। जिसे अब उन्होंने वापस ले लिया है।

अचानक लिए गए फैसले के कारण अधिकारी परेशान

अचानक लिए गए फैसले के कारण अधिकारी परेशान

योजना विभाग के एक अधिकारी ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि, अचानक लिए गए फैसले के कारण वे परेशानी में पड़ गए हैं। लगभग छह करोड़ रुपए की परियोजनाओं के लिए मंजूरी दी गई थी। अब हमें बहुत सारी कागजी कार्रवाई पर समय और ऊर्जा खर्च करनी होगी। हालांकि अभी तक मीसा भारती की ओऱ से कोई बायान सामने नहीं आया है। है। राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने भी मीसा के इस निर्णय को अस्वीकार करते हुए कहा कि एक बार परियोजना को मंजूरी मिल जाने के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए। अनुमोदन को वापस लेना उचित नहीं।

विपक्षी दलों ने इस कदम को बताया अलोकतांत्रिक

विपक्षी दलों ने इस कदम को बताया अलोकतांत्रिक

इस मामले पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए वे इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि इससे जनता के बीच बहुत गलत संदेश जाता है। किसी विशेष क्षेत्र के लोगों ने आपके लिए वोट किया है या नहीं, इसके आधार पर भेदभाव अलोकतांत्रिक है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है। एक निर्वाचित प्रतिनिधि उन लोगों का भी प्रतिनिधित्व करता है जिनके वोट उसे नहीं मिले। चुनावी हार के कारण परियोजनाओं को वापस लेना उचित नहीं है।

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English summary
Misa Bharti withdrew approval for projects worth Rs 15 crore after her defeat in election from Pataliputra seat
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