मिर्जापुर मिड-डे मामला: कुक ने बताया, रोटी-नमक से पहले छात्रों को नमक-चावल भी दिया गया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मिड-डे मील में बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद इस पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। दरअसल एक पत्रकार ने मिर्जापुर के एक प्राथमिक विद्यालय का वीडियो शूट किया था। लेकिन इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। अब पता चला है कि उसी स्कूल में मिड-डे मील के तौर पर उन्हें चावल नमक भी परोसा जा चुका है।
मिड-डे मील में चावल-नमक भी परोसा गया
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को वीडियो बनाने वाले वाले पत्रकार पवन जायसवाल के साथ दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें सेउर गांव का ग्राम प्रधान और प्राथमिक विद्यालय का रसोइया भी शामिल है। इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों ने बताया कि ये पहली बार नहीं जब उन्हें इस तरह का भोजन दिया गया। स्कूल में बच्चों के लिए मिड-डे मील पकाने वाली कुक रुकमणी ने बताया कि पत्रकार के स्कूल पहुंचने के एक सप्ताह पहले छात्रों को चावल और नमक परोसा गया। रुकमणी ने बताया कि उन्होंने स्कूल के हेडमास्टर मुरारी लाल को इस बारे में बताया था कि मिड डे मील के लिए राशन का सामान खत्म हैं,जिस पर हेडमास्टर ने उसे चुप रहने को कहा था। हालांकि हेड मास्टर ने अब इन आरोपों को खारिज कर दिया है। एक और स्थानीय निवासी कैलाश ने बताया कि उनकी बेटी ने स्कूल से वापस आने के बाद उन्हें चावल- नमक और रोटी-नमक मिलने के बारे में बताया था।
पत्रकार ने शूट किया था वीडियो
पिछले महीने 22 अगस्त को पत्रकार जायसवाल ने स्कूल में रोटी-नमक परोसे जाने का वीडियो बनाया था। ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसके बाद यूपी सरकार ने पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। पत्रकार पर सरकार के खिलाफ साजिश रचने और सरकार की छवि को धूमिल करने के प्रयास के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।
पत्रकार के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज
यूपी सरकार ने पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि आपराधिक साजिश रचने के आरोप में धारा 120-बी के तहत यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो दोषी को उम्रकैद या 2 साल के लिए कठोर कारावास की सजा मिलती है। मंगलवार को कुछ पत्रकारों ने इस घटना के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। जायसवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें 22 अगस्त को ग्राम प्रतिनिधि ने कॉल करके स्कूल के हालात के बारे में बताया था। इस पर मैंने एडिशनल बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस घटना की सूचना दी। इसके बाद मैंने स्कूल पहुंचकर वीडियो शूट किया और अपने अखबार में खबर छापी।
वीडियो कैसे बनाया?
मिर्जापुर के डीएम अनुराग पटेल ने मंगलवार को इस पर कहा कि प्रिंट मीडिया के पत्रकार पवन जायसवाल ने नमक रोटी वाले मिड डे मील की वीडियो कैसे बनाई? इससे पता चलता है कि उसने साजिश की, उसे सिर्फ स्टिल फोटो खींचनी चाहिए थी। आप प्रिंट मीडिया के पत्रकार हो आप फोटो खींच लेते जो आपको गंभीरता लग रही थी कि कुछ गलत हो रहा था तो आप उसे छाप सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए उनकी भूमिका संदिग्ध लगी और लगा कि वह 120(बी) में शामिल हैं। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।
एफआईआर के विरोध में पत्रकार धरने पर
गौरतलब है कि एफआईआर के विरोध में डीएम दफ्तर के बाहर कई पत्रकार धरने पर बैठे। इनकी मांग है कि तुरंत एफआईआर हटाई जाए। प्रशासन ने वीडियो के जरिए सरकार की छवि बिगाड़ने के आरोप में पत्रकार पर एफआईआर दर्ज किया था। इधर मामला तूल पकड़ने के बाद प्रभारी मंत्री ने कहा है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने और सच बताने के लिए पत्रकार पर कार्रवाई गलत है, हम इस मामले में प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगे।