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बालाकोट एयरस्ट्राइक में गेम चेंजर साबित हुए मिराज 2000 को भी अपग्रेड करेगा डसाल्ट

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नई दिल्ली। रॉफेल लड़ाकू विमान कंपनी फ्रांसासी डसाल्ट एविएशन भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 को अपग्रेड करने में भारत की मदद कर रही है। भारतीय वायु सेना ने मिराज 2000 टाइप विमानों को वर्ष 1985 में डसाल्ट से खरीदे थे। यह वह समय था जब 1980 के दशक में पाकिस्तान को अमेरिका से F-16 विमान मिले थे।

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गौरतलब है पाकिस्तान को मिले F-16 विमानों से लोहा लेने के लिए तब भारतीय वायु सेना अपने बेड़े को अपग्रेड के लिए मिराज 2000 विमान डसाल्ट से खरीदे थे, क्योंकि तब उसके बेड़े में मौजूद मिग -21 और मिग -23 विमानों का पाकिस्तान को मिले F-16 से कोई मुकाबला नहीं था।

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भारतीय वायुसेना उस दौरान कई युद्धक विमानों के मूल्यांकन किया और इसी दौरान उसने फ्रांसासी कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा निर्मित उच्च प्रदर्शन वाले प्रोटोटाइप मिराज 2000 के बार में भी सुना, जो कि उस समय परीक्षण के चरण में था और उसके तुरंत बाद मिराज 2000 विमानों की खऱीद पर मुहर लगा दी थी।

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36 सिंगल-सीटेड मिराज 2000Hs और 4 डबल सीटेड 4 मिराज 2000THs

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भारत ने 36 सिंगल-सीट वाले मिराज 2000Hs और डबल सीट वासे 4 मिराज 2000THs के लिए डसॉल्ट एविएशन को आर्डर दिया। गत 29 जून 1985 को पहले 7 एयरक्राफ्ट्स की डिलीवरी हुई और उसके 35 साल बाद भारत ने डसॉल्ट एविएशन से रॉफेल युद्धक विमान खरीदा है, जिसकी पहली खेप भारत बुधवार को पहुंच चुकी है।

भारत मिराज 2000 टाइप विमानों की पहली विदेशी उपयोगकर्ता बनी थी

भारत मिराज 2000 टाइप विमानों की पहली विदेशी उपयोगकर्ता बनी थी

तब भारतीय वायु सेना (IAF) मिराज 2000 टाइप वाले लड़ाकू विमानों की पहली विदेशी उपयोगकर्ता बनी थी। यह लड़ाकू विमान लो फ्लाइंग ग्राउंड अटैक फाइटर जेट था। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इस मल्टी परपज विमान ने हिमालय में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया और दो महीने के युद्ध में सटीक निर्देशित बमों के साथ ठोस जमीनी हमलों के चलते इसकों गेम चेंजर माना गया था।

बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर 12 मिराज 2000 का हुआ इस्तेमाल

बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर 12 मिराज 2000 का हुआ इस्तेमाल

पिछले साल पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमला करने के लिए 12 मिराज 2000 एयर क्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया गया था। बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान सभी एयरक्रॉफ्ट इज़राइली स्पाइस 2000 बमों से लैस थे। अब डसॉल्ट एविएशन भारतीय एयर फोर्स को राफेल जेट के साथ अपने लड़ाकू मशीनों को अपग्रेड करने में मदद में मदद कर रहा है, क्योंकि मिराज 2000 विमानों के प्रोडक्शन को बंद कर दिया गया है

मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है

मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है

फ्रांस से आए थे मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का विमान है, जिसे फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है। मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है। इसकी पहली उड़ान साल 1970 में आयोजित की गई थी। यह फाइटर प्लेन अभी लगभग 9 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है। साल 2009 तक लगभग 600 से अधिक मिराज 2000 दुनिया भर में सेवारत हैं।

51 मिराज 2000 को अपग्रेड करने के लिए 1.9 बिलियन डॉलर में समझौता

51 मिराज 2000 को अपग्रेड करने के लिए 1.9 बिलियन डॉलर में समझौता

भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित लगभग 51 मिराज 2000 को उन्नत करने के लिए फ्रांस से 1.9 बिलियन डॉलर का समझौता हुआ था। जून 2011 में यह घोषणा हुई कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 के उन्नयन पर विचार करेगी। जिसके बाद यह समझौता हुआ। इस विमान को समय-समय पर उन्नत भी किया गया।

मिराज में उन्नत एवियोनिक्स,RDY रडार,नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग

मिराज में उन्नत एवियोनिक्स,RDY रडार,नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग

मिराज 2000 में उन्नत एवियोनिक्स,आरडीवाई रडार और नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग किया गया है। मिराज कई निशानों को एक साथ साधना, हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में माहिर है। यह पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराने में सक्षम है।

मिराज 2000 सिंगल-सीटर या टू-सीटर मल्टीरोल फाइटर में उपलब्ध है

मिराज 2000 सिंगल-सीटर या टू-सीटर मल्टीरोल फाइटर में उपलब्ध है

मिराज 2000 सिंगल-सीटर या टू-सीटर मल्टीरोल फाइटर में उपलब्ध है
मिराज 2000 टाइप विमान के कॉकपिट में नियंत्रण के लिए थ्रोटल और स्टिक का प्रयोग किया जाता है। मिराज 2000 में थेल्स वीईएच 3020 हेड-अप डिस्प्ले और पांच कैथोड रे ट्यूब मल्टीफ़ंक्शन एडवांस्ड पायलट सिस्टम इंटरफ़ेस (एपीएसआई) डिस्प्ले लगे हुए हैं।

मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए हैं नौ हार्डपॉइंट

मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए हैं नौ हार्डपॉइंट

मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए नौ हार्डपॉइंट दिए गए हैं, जिसमें पांच प्लेन के नीचे और दो दोनों तरफ के पंखों पर दिया गया है।
सिंगल-सीट संस्करण भी दो आंतरिक हैवी फायरिंग करने वाली 30 मिमी बंदूखों से लैस है। हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों में मल्टीगेट एयर-टू-एयर इंटरसेप्ट और कॉम्बैट मिसाइलें शामिल है।

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English summary
Rafale fighter aircraft company Francis Dassault Aviation is helping India in upgrading the Indian fighter aircraft Mirage 2000. In 1985, the Mirage 2000 type aircraft were purchased by the Indian Air Force from Dassault. This was the time when Pakistan received F-16 aircraft from the US in the 1980s. To take iron from Pakistan's F-16 aircraft, then the Indian Air Force bought the Mirage 2000 aircraft from Dassault to upgrade its fleet
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