पति ने नाबालिग पत्नी को नोटिस भेजकर कहा- मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाओ, ये तुम्हारा कर्तव्य है
लड़की ने कहा, 'यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि मुझे कुछ पता नहीं चला। बाद में जब मैं वहां गई तो पता चला कि उस लड़के उम्र 35 साल से भी ज्यादा है।'
हैदराबाद। खुद से दोगुनी उम्र के शख्स से जबरन शादी कराए जाने के बाद घर लौटी 16 साल की लड़की को कानूनी नोटिस भेजकर उसे वैवाहिक और यौन कर्तव्यों की याद दिलाई गई है। घटना हैदराबाद की है। पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया क्योंकि बाल अपराध अपने आप गैरकानूनी नहीं होता। पुलिस को इसके लिए शिकायत का इंतजार है। लड़की ने बताया कि बीते साल जब वह 10वीं की परीक्षा की तैयारी कर रही थी, तभी उसकी शादी उसके रिश्ते में भाई लगने वाले एक शख्स से करा दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि लड़के की मां की तबियत ज्यादा खराब थी और वह चाहती थी कि उसके मरने से पहले बेटे की शादी हो जाए।
बाद
में
पता
चली
लड़के
की
सही
उम्र
नाबालिग
लड़की
ने
नोटिस
मिलने
के
बाद
बाल
अधिकार
संगठनों
और
कार्यकर्ताओं
से
मदद
मांगी
है।
लड़की
ने
कहा,
'यह
सब
इतनी
जल्दी
में
हुआ
कि
मुझे
कुछ
पता
नहीं
चला।
बाद
में
जब
मैं
वहां
गई
तो
पता
चला
कि
उस
लड़के
उम्र
35
साल
से
भी
ज्यादा
है।'
शादी
से
पहले
लड़की
ने
शर्त
रखी
थी
उसके
आगे
पढ़ने
दिया
जाए
और
परीक्षा
में
बैठने
दिया
जाए।
परीक्षा
के
बाद
उसे
उसके
पति
के
घर
भेजा
गया।
उसने
कहा
कि
वहां
उसके
साथ
रोजाना
शारीरिक
और
यौन
शौषण
किया
गया।
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नोटिस
भेजकर
कहा-
बनाओ
यौन
संबंध
लड़की
ने
परेशान
होकर
वापस
अपने
माता-पिता
के
घर
का
रुख
किया
और
उन्होंने
उसे
रख
भी
लिया.
जब
लड़की
के
पिता
ने
उसके
पति
से
दहेज
में
दिए
गए
एक
लाख
रुपय
और
गहने
लौटाने
को
कहा
तो
उन्होंने
उसके
खिलाफ
कानूनी
नोटिस
भेज
दिया।
जिसमें
पति
ने
उसे
पति
से
यौन
संबंध
बनाने
के
लिए
कहा
गया
है।
इसमें
कहा
गया
है
कि
यह
उसका
कर्तव्य
है।
नोटिस
मिलने
के
बाद
लड़की
ने
सामाजिक
संस्था
से
जुड़ी
अनुराधा
से
संपर्क
किया।
उन्होंने
पंचायत
बुलाकर
मामला
सुलझाने
की
कोशिश
की
लेकिन
लड़की
का
पति
अपनी
मांग
पर
अड़ा
है।
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'नोटिस
भेजने
वाले
वकील
के
खिलाफ
करेंगे
केस'
अनुराधा
मुताबिक,
'लड़की
का
पति
दो
वकील
लेकर
आया
था।
उसने
कहा
कि
वह
पैसा
लौटाने
के
बजाय
वकीलों
को
पैसा
देकर
केस
लड़
लेगा।
लड़की
की
उम्र
क्या
है
ये
शादी
कराने
वालों
को
समझना
चाहिए
था।
उसे
बलि
का
बकरा
बनाया
गया
है।'
मामले
की
जानकारी
मिलने
पर
बाल
अधिकार
आयोग
के
सदस्य
अच्युत
राव
ने
कहा
कि
यह
बेहद
खौफनाक
है।
एक
नाबालिग
लड़की
को
यौन
कर्तव्यों
के
लिए
कानूनी
नोटिस
भेजना
सरासर
गलत
है।
उन्होंने
कहा
कि
वह
नोटिस
भेजने
वाले
वकील
के
खिलाफ
आपराधिक
केस
दर्ज
कराएंगे।
लड़की
अपने
पति
के
घर
नहीं
जाना
चाहती।
वह
आगे
पढ़कर
कुछ
बनना
चाहती
है।