नहीं दी फ्री में सब्जी तो पुलिसवालों ने नाबालिग को भेज दिया जेल, सीएम ने कहा जांच करो
पटना। बिहार पुलिस अपने कारनामों को लेकर अकसर सुर्खियों में रहती है। इसी बीच उसकी एक ऐसी करतूत सामने आई है जिसे जानने के बाद आप सोच में पड़ जाएंगे। दरअसल हुआ ये है कि फ्री में सब्जी नहीं देने पर पुलिसवालों ने एक नाबालिग को चोरी का आरोप लगा तीन माह के लिए जेल भेज दिया। नाबालिग के पिता ने जब इस मामले को लेकर मीडिया के सामने आए तो हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फौरन जांच के आदेश दिए हैं। पटना के जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने इस मामले पर एसएसपी को जांच कर तुरंत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि जांच के आधार पर त्वरित कार्रवाई होगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
19 मार्च को पटना के पत्रकार नगर थानाक्षेत्र में पुलिस ने मुफ्त सब्जी नहीं देने पर नाबालिग पर बाइक चोरी का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया था। नाबालिग आरोपी के पिता का कहना है कि पुलिस वाले पेट्रोलिंग के दौरान आते थे और फ्री में सब्जी ले जाते थे। एक दिन मुफ्त में सब्जी नहीं दी तो उन्होंने मेरे बेटे को धमकी दी थी। उसके बाद उनलोगों ने मेरे बच्चे पर बाइक लूट का झूठा आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया। पीड़ित के पिता ने बताया कि तीन महीने से थाने से लेकर एसएसपी तक सबसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई सारी वारदात
पालीगंज निवासी पीडि़त के पिता, पत्नी, बेटे और बेटी के साथ पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में किराए के मकान में रहते हैं। पिता और बेटा महात्मा गांधी नगर में ठेले पर सब्जी बेचते हैं। 19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे बेटा सब्जी बेचकर घर लौटा तभी पुलिस की एक जीप आई। पुलिस ने किशोर से कहा- चलो, तुमको बड़ा बाबू बुला रहे हैं। इसके बाद उसे जीप में बिठाकर ले गए। भाई को बचाने के लिए बड़ी बहन कुछ दूर जीप के पीछे दौड़ी। यह पूरा वाकया मिठाई दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।
जेल में बुरी तरह पीटा गया, सादे पन्ने पर साइन कराए
पीड़ित के पिता ने बताया कि जब वह उससे मिलने जेल गए तो बेटे ने बताया कि जिन लड़कों के साथ उसे जेल में डाला गया है वह उनको जानता भी नहीं है। जेल में उसे बुरी तरह पीटा भी गया और सादे पन्ने पर उससे दस्तखत भी करवाए गए। पीड़िता के पिता का कहना है कि तीन महीने से थाने से लेकर एसएसपी तक सबसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।