देशभर में पोलियो अभियान पर रोक, अब कोरोना टीकाकरण पर सरकार का फोकस
Polio NID Postpone: सरकार की कड़ी मेहनत के बाद 27 मार्च 2014 को भारत पोलियो मुक्त हो गया था। इसके बाद भी एहतियातन टीकाकरण कार्यक्रम जारी रखा गया, ताकी ये वायरस किसी मासूम को अपना शिकार ना बना पाए। पिछले साल भारत में कोरोना महामारी फैली, जिसने अब तक 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की जान ली है। हाल ही में ड्रग कंट्रोरल जनरल ऑफ इंडिया ने दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। उम्मीद जताई जा रही है 16 जनवरी से देशभर में टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। जिस वजह से पल्स पोलियो अभियान पर केंद्र ने एक बड़ा फैसला लिया है।
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health) के मुताबिक अप्रत्याशित गतिविधियों की वजह से 17 जनवरी 2021 से पोलियो एनआईडी (National Immunisation Day) निरस्त कर दिया गया है। अगले आदेश तक इस टीकाकरण अभियान पर रोक जारी रहेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग की जो टीम पोलियो टीकाकरण अभियान में जुटी थी, उसे अब कोरोना टीकाकरण के काम में लगाया जाएगा। पोलियो टीकाकरण में लगी टीम के पास इस दिशा में काम करने का लंबा अनुभव भी है।
दिल्ली समेत 13 शहरों में पहुंची कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, टीकाकरण अभियान के लिए तैयार भारत
पोलियो
कितना
खतरनाक?
दरअसल
पोलियो
एक
संक्रामक
रोग
है,
जो
पोलियोमेलाइटिस
के
जरिए
बच्चों
में
फैलता
है।
इस
बीमारी
से
ग्रसित
बच्चों
का
एक
अंग
जिंदगीभर
के
लिए
कमजोर
यानी
लकवाग्रस्त
हो
जाता
है।
इसका
कोई
इलाज
नहीं
है,
हालांकि
अगर
इसकी
वैक्सीन
बच्चे
को
दे
दी
जाती
है,
तो
वायरस
उसे
नुकसान
नहीं
पहुंचा
पाता।
वहीं
छोटे
बच्चों
का
शरीर
प्रतिरोधक
क्षमता
बनाने
में
सक्षम
नहीं
रहता,
जिस
वजह
से
ये
वैक्सीन
सिर्फ
पांच
साल
तक
के
बच्चों
को
ही
दी
जाती
है।
पोलियो
मुक्त
भारत
के
लिए
सरकार
ने
राष्ट्रीय
स्तर
पर
पोलियो
टीकाकरण
अभियान
शुरू
किया
था।
जिसको
घर-घर
जाकर
बच्चों
को
दिया
जाता
है।