ड्रोन के बढ़ते खतरे पर सुरक्षा एजेंसियों से सलाह के बाद जारी की गई राज्यों को एसओपी: केंद्र
नई दिल्ली, 5 अगस्त: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को संसद को बताया है कि देश में कंप्लीएंट ड्रोन के खतरे को देखते हुए जरूरी कदम उठाए गए हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के परामर्श के बाद केंद्र और राज्य सरकारों को जरूरी गाइडलाइन जारी की गई हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है।
उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि सभी नागरिक ड्रोन गतिविधियों को मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 से नियंत्रित किया जाता है। जिसमें ड्रोन उपयोग के सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है। रक्षा उद्देश्यों के लिए यूएवी का संचालन यूएएस नियम 2021 के तहत शामिल नहीं है। यूएएस नियम, 2021 के नियम 37(2)(e) के अनुसार, कोई भी यूएएस अंतरराष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर के भीतर नहीं उड़ाया जाएगा जिसमें एलओसी, एलएसी और वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन (एजीपीएल) भी शामिल हैं।
जम्मू अटैक के बाद गया है सभी का ध्यान
हाल ही में जम्मू में हुए ड्रोन अटैक के बाद नई ड्रोन पॉलिसी को लेकर बात हो रही है। केंद्र सरकार भी ड्रोन उड़ाने के नियमों को लेकर एक बार फिर बदलाव करने जा रही है। नए नियमों को 15 अगस्त तक प्रकाशित किया जा सकता है। नए नियम 'अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम रूल्स 2021' की जगह लेंगे। दरअसल इस साल 26 जून को जम्मू के एयरफोर्स स्टेश पर हुए ड्रोन अटैक के बाद से ही ड्रोन पॉलिसी में बदलाव की मांग तेज हो गई थी। इसके बाद 15 जुलाई को मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने ड्रोन उड़ाने के नए नियम जारी किए थे। जिसके बाद इसो लेकर अब एक बार फिर बदलाव आ सकता है। हाल के दिनों में ये मुद्दा गरम रहा है।
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