निष्कासित सांसदों के समर्थन में आया विपक्ष, मंत्री बोले- उपसभापति की पिटाई करने की हद तक आ गए ये लोग
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा किसान बिल पास किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने संसद में घमासान मचा रखा है। मंगलवार को राज्यसभा से निलंबित सांसदों के समर्थन में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने लोकसभा सत्र का बहिष्कार किया है। कई विपक्षी पार्टियों का जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन झेल रही मोदी सरकार के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा यहां नहीं करना चाहता हूं।
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दरअसल मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, राज्यसभा और लोकसभा में जुड़वा भाई है, वहां के लोगों को तकलीफ होगा, हमें भी तकलीफ होगा। अगर तोमर साहब कृषि बिल वापस लेने का वादा करें तो हमें सदन चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि दूसरे सदन (राज्यसभा) में क्या होता है, इसकी चर्चा दूसरे सदन (लोकसभा) में कभी नहीं हुई। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब इस पर चर्चा की जा रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा यहां नहीं करना चाहता हूं। वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एमएसपी बढ़ाने के सरकार के फैसले पर कहा कि 'हमने कल बुआई से पहले ही रबी की एमएसपी घोषित कर दी है।कांग्रेस के दांत खाने के और दिखाने के और हैं। कांग्रेस 10 साल शासन में रही। स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया। मोदी सरकार ने इसे लागू किया। तब से लगातार एमएसपी बढ़ती जा रही है। सात लाख करोड़ रुपए हमने छह सालों में दिया है।
इस पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कृषि मंत्री पर हमला करते हुए कहा कि 'उन्होंने सफेद झूठ का सहारा लेकर लोगों को गुमराह किया है। हम राज्यसभा के सांसदों के साथ खड़े हैं। मैं सारे विपक्षी दलों के साथ सदन का बहिष्कार करता हूं। उन्होंने एमएसपी पर कृषि मंत्री के बयान पर कहा कि 'रबी फसलों पर एमएसपी में बढ़ोत्तरी हाथी के पेट में इलायची का दाना है। आपने एमएसपी को कानून में क्यों नहीं रखा?'
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