जिस पर है सरकारी खजाने की 200 करोड़ की चोरी का आरोप, भाजपा सरकार ने बना दिया उसी विभाग का मंत्री
बेंगलुरू। कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एक ऐसे शख्स को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया है, जिसपर अवैध उत्खनन और वन कानून के तहत 15 मुकदमे लंबित हैं। ये मामले साल 2012 से नए मंत्री पर चल रहे हैं। इनका नाम आनंद सिंह है। जिनका खनन और परिवहन का कारोबार भी है। सबसे पहले सोमवार को सीएम योदियुरप्पा ने उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का मंत्री बनाया और उसके बाद उन्हें वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग भी सौंप दिया गया।
सभी मामले पिछली भाजपा सरकार के समय के हैं
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने ऐसा तब किया जब मंत्री ने इस विभाग की मांग की। यानी कर्नाटक सरकार ने मंत्री पर उसी विभाग से जुड़े मामलों की अनदेखी करते हुए उन्हें ये विभाग सौंप दिया है। आनंद सिंह पर चल रहे ये सभी मामले भाजपा सरकार के 2008-2013 के कार्यकाल के हैं, यानी पिछली भाजपा सरकार के। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, 'विजयनगर से विधायक आनंद सिंह इस बात से नाराज थे कि उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मिला था। जिसके बाद से वह ऊर्जा मंत्रालय की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें संतुष्ट करने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई।'
कुमारस्वामी सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी
जानकारी के लिए बता दें आनंद सिंह उन 14 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की कुमारस्वामी सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इसके बाद साल 2019 में भाजपा के टिकट पर बेल्लारी के विजयनगर से चुनाव लड़ा था। वह इसी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले भी हैं। सूत्रों का कहना है कि सिंह को वन एवं पर्यावरण विभाग उस वक्त दिया गया, जब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उनकी एक और मांग मानने से इनकार कर दिया था। बताया जा रहा है कि सिंह ने सीएम के सामने बेल्लारी जिले को दो जिले बनाने की मांग की थी। जिसे सीएम के खारिज कर दिया। जिसके बाद उन्हें संतुष्ट करने के लिए नया विभाग आवंटित किया गया था।
173 करोड़ रुपये की संपत्ति है
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आनंद सिंह को खनन माफिया तक कहा जाता है। वहीं अगर उनकी संपत्ति की बात करें तो उप चुनाव के हलफनामें में उन्होंने जानकारी दी है कि उनके पास कुल 173 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनपर सीबीआई का एक केस भी चल रहा है, जो फिलहाल ट्रायल फेज में है। इसके अलावा वह पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी के साथ उस केस में भी आरोपी हैं, जिसमें अवैध उत्खनन के जरिए सरकारी खजाने पर करीब 200 करोड़ रुपये का घोटाला करने का भी आरोप है।
आपराधिक षडयंत्र समेत कई आरोप
इन लोगों पर आपराधिक षडयंत्र, चोरी, धोखाधड़ी समेत आपराधिक फर्जीवाड़े जैसे कई आरोप हैं। फिलहाल ये मामला बेंगलुरू की विशेष अदालत में चल रहा है। इस मामले में अब 26 फरवरी को सुनवाई होनी है।
गिरफ्तार भी हो चुके हैं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंह को सीबीआई ने साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। फिर साल 2015 में उन्हें एसआईटी ने गिरफ्तार किया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कर्नाटक बंद के दौरान उपद्रवियों ने दक्षिण कन्नड़ जिले में सरकारी बस पर किया पथराव