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आतंकवाद से जूझ रहे जम्‍मू कश्‍मीर के अनंतनाग में तीन दौरे में होंगे लोकसभा चुनावों के दौरान मतदान

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श्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर के तहत आने वाले अनंतनाग में तीन दौर में लोकसभा चुनावों के दौरान मतदान कराए जाएंगे। अनंतनाग, दक्षिण कश्‍मीर के तहत आता है और पिछले कुछ वर्षों से आतंकवाद की वजह से यहां पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था की स्थिति नाजुक बनी हुई है। रविवार को चुनाव आयोग ने देश में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यह बात इसलिए भी और हैरान करने वाली है क्‍योंकि अभी तक एक सीट पर तीन दौर में मतदान नहीं हुआ है। देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक लोकसभा सीट के लिए इस तरह से वोटिंग होगी।

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अनंतनाग में सुरक्षा की स्थित‍ि जटिल

अनंतनाग में सुरक्षा की स्थित‍ि जटिल

चुनाव आयुक्‍त सुनील अरोड़ा ने आयोग के इस फैसले के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी। उन्‍होंने कहा, 'अनंतनाग की सिर्फ एक सीट के लिए हमें तीन दौर में मतदान कराना पड़ रहा है और आप ऐसे में समझ सकते हैं कि हमारे लिए स्थिति कितनी जटिल है।' जम्‍मू कश्‍मीर में इस समय चुनाव का माहौल काफी गर्म है। आयोग ने सिर्फ राष्‍ट्रीय सुरक्षा का हवाला अपने फैसले में दिया है। वहीं पिछले एक माह से अनंतनाग, केंद्र की सत्‍ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए चुनाव प्रचार का केंद्र बना हुआ है। देशभर में 11 अप्रैल से लोकसभा चुनावों के लिए मतदान होंगे और सात चरणों में इन्‍हें पूरा किया जाएगा। 19 मई को आखिरी दौर की वोटिंग होगी और 23 मई को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।

महबूबा मुफ्ती ने लड़ा था 2014 का चुनाव

महबूबा मुफ्ती ने लड़ा था 2014 का चुनाव

अनंतनाग लोकसभा सीट पर साल 2014 में राज्य की पूर्व मुख्‍यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने चुनाव लड़ा था। यहां से महबूबा को कुल 2,00,429 वोट्स यानी कुल वोट्स में से 53.1 प्रतिशत वोट्स महबूबा ने हासिल किए। अपने पिता मुफ्ती मोहम्‍मद सईद के निधन के बाद महबूबा ने राज्‍य के सीएम पद का जिम्‍मेदारी संभाली और फिर उन्‍हें यह सीट छोड़नी पड़ी। तब से यह सीट खाली पड़ी है। अनंतनाग में कानून व्‍यवस्‍था की स्थित‍ि को देखते हुए यहां पर कोई उपचुनाव भी नहीं कराया गया। जम्‍मू कश्‍मीर 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल और छह मई को लोकसभा चुनावों के लिए वोट डाले जाने हैं।

विधानसभा चुनाव भी टाले गए

विधानसभा चुनाव भी टाले गए

अनंतनाग लोकसभा संसदीय क्षेत्र में 16 विधानसभा सीटे हैं और सभी साउथ कश्‍मीर के तहत आती हैं। सभी विधानसभा सीटों वाले क्षेत्रों में पिछले पांच वर्षों में जमकर हिंसा हुई है। दूसरी तरफ राज्‍य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं और उन्‍हें भी अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित किया गया है। राज्‍य में अभी राष्‍ट्रपति शासन लगा हुआ है। जुलाई 2016 में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से राज्‍य में हालात और खराब हैं। पिछले ढाई वर्षों से यहां पर हिंसा, अलगाववादी नेताओं के विरोध प्रदर्शन, एनआईए के छापों का दौर चल रहा है। इसके अलावा 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद जमात-ए-इस्‍लामी पर भी बैन लगाया गया है। वहीं धारा 370 और 35ए को लेकर भी राज्‍य में अशांति है।

घाटी में वोट करने से कतरा रहे लोग

घाटी में वोट करने से कतरा रहे लोग

पिछले कुछ समय से राज्‍य में लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करना भी अपने आप में बड़ी चुनौती बना हुआ है। राज्‍य में दो बार लोकसभा उपचुनाव होने थे। श्रीनगर सीट पर हुए उपचुनाव में सिर्फ सात प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ तो अनंतनाग में चुनाव ही नहीं हुए। तीन दशकों में यह पहला मौका था जब मतदाताओं की खराब प्रतिक्रिया और कानून व्‍यवस्‍था की खराब स्थित‍ि के चलते यहां पर चुनाव स्‍थगित किए गए हैं। वहीं जम्‍मू में हाल ही में नगरपालिका के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में करीब 80 प्रतिशत मतदान हुआ तो कश्‍मीर में हुए नगरपालिका के चुनावों में सिर्फ आठ प्रतिशत ही मतदान दर्ज किया जा सका।

English summary
Militancy-hit Anantnag constituency in Jammu and Kashmir to witness 3-Phase Polling.
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