उर्मिला मातोंडकर के इस्तीफे के बाद मुंबई कांग्रेस में घमासान, देवड़ा ने निरूपम पर साधा निशाना
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 6 महीने ही पहले कांग्रेस ज्वाइन की थी। उनके इस्तीफे ने कांग्रेस में चल रही कलह की पोल खोल दी है। उर्मिला के इस्तीफे के बाद पूर्व मुबंई चीफ मिलिंद देवड़ा ने उर्मिला के सपोर्ट में ट्वीट किया। उन्होंने संजय निरुपम पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई उत्तर के नेताओं को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
मिलिंद
देवड़ा
ने
उर्मिला
किया
सपोर्ट
देवड़ा
ने
ट्वीट
किया
कि
उर्मिला
मातोंडकर
के
मुंबई
उत्तर
से
लोकसभा
का
चुनाव
लड़ने
के
फैसले
के
बाद
मैंने
मुंबई
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
की
हैसियत
से
उनके
अभियान
का
पूरे
दिल
से
समर्थन
किया।
मैं
उनके
पास
खड़ा
था
जब
उन्हे
पार्टी
में
लोगों
द्वारा
नीचे
गिराया
गया।
मैं
पूरी
तरह
से
सहमत
हूं
कि
मुंबई
उत्तर
के
नेताओं
को
जवाबदेह
ठहराया
जाना
चाहिए।
उन्होंने
संजय
निरुपम
के
संदर्भ
में
ये
बात
कही।
निरुपम
का
मुंबई
उत्तर
में
प्रभाव
संजय
निरुपम
भी
मुंबई
कांग्रेस
प्रमुख
के
पद
पर
रह
चुके
हैं।
उनका
प्रभाव
मुंबई
उत्तर
में
माना
जाता
है।
मार्च
में
कांग्रेस
में
शामिल
होने
वाली
मातोंडकर
को
2019
के
लोकसभा
चुनावों
में
मुंबई
उत्तर
से
मैदान
में
उतारा
गया
था,
लेकिन
भाजपा
के
दिग्गज
गोपाल
शेट्टी
ने
उन्हें
हरा
दिया
था।
साल
2014
में
निरुपम
को
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।
उर्मिला
ने
दिया
इस्तीफा
गौरतलब
है
कि
बॉलीवुड
से
सक्रिय
राजनीति
में
कदम
रखने
वाली
उर्मिला
मातोंडकर
ने
आज
कांग्रेस
पार्टी
से
इस्तीफा
दे
दिया।
उर्मिला
ने
कांग्रेस
से
इस्तीफा
देने
के
बाद
कहा
कि
मेरी
राजनीतिक
और
सामाजिक
संवेदनाएं
बड़े
लक्ष्य
को
हासिल
करने
के
लिए
हैं,
लेकिन
मुंबई
कांग्रेस
की
अंदरूनी
राजनीति
के
कारण
मैं
ऐसा
कर
नहीं
पा
रही
हूं।
लोकसभा
चुनावों
में
हार
के
बाद
भी
उन्होंने
पार्टी
के
स्थानीय
कार्यकर्ताओं
और
पदाधिकारियों
के
रवैए
पर
सवाल
उठाए
थे।
5
महीने
पहले
थामा
था
कांग्रेस
का
दामन
उर्मिला
ने
मुंबई
कांग्रेस
के
तत्कालीन
अध्यक्ष
मिलिंद
देवड़ा
को
एक
खत
लिखा
था,
जिसमें
उन्होंने
लोकसभा
चुनाव
में
अपनी
हार
के
लिए
स्थानीय
नेताओं
पर
उंगली
उठाते
हुए
कमजोर
रणनीति,
कार्यकर्ताओं
की
अनदेखी
और
फंड
की
कमी
को
जिम्मेदार
बताया
था।
कई
हिट
फिल्मों
में
काम
कर
चुकीं
उर्मिला
का
सक्रिय
राजनीति
में
कांग्रेस
के
साथ
पहला
सफर
केवल
5
महीने
का
रहा।