मध्य प्रदेश: शौचालय में ठहरने को मजबूर हुए मजदूर, टॉयलेट में बैठकर खाया खाना
शिवपुरी। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन की सबसे अधिक मार प्रवासी मजदूरों पर पड़ी है। पहले खाने को लेकर मोहताज हुए अब ठिकाने को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं। अब प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा की एक तस्वीर मध्य प्रदेश के शिवपुरी से सामने आई है। राजस्थान से आए श्रमिकों को कोटा बॉर्डर के पास बने शौचालय नें रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। इन मजदूरों को भूख के साथ-साथ भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ा रहा है।
शौचालय में ठहरने को मजबूर हुए मजदूर
मामला राजस्थान के बाराँ और मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले स्थित सीमा का है। रविवार की देर शाम मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों के 250 से ज्यादा मजदूरों को राजस्थान सरकार की बसें कोटा नाका बॉर्डर पर छोड़कर वापस लौट गईं। सोमवार तड़के करीब तीन बजे कोटा नाका बॉर्डर पहुंचे मजदूरों को सुबह के समय तो कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ा उन्हें तपा देने वाली 45 डिग्री की गर्मी से बचने के लिए शौचालय में शरण लेनी पड़ी।
शौचायल में खाना खाने को मजबूर हुए मजदूर
प्रशासन की ओर से बताया गया था कि सभी को उनके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए बसें शीघ्र आ जाएंगी लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी बसें नहीं आयीं। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सीमा पर इन्हें ठहराने और खाने-पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। यहां तक कि सोमवार को यहां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मजदूरों की स्क्रीनिंग करने के लिए कोई मौजूद नहीं था। लंबे इंतजार के बाद बसें आईं और संबंधित जिलों में छोड़ने के लिए लेकर चली गईं।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
इस संबंध में जब शिवपुरी के एडिशनल कलेक्टर आरएस बलोदिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, गोदामों में प्रवासियों के रहने का इंतजाम किया गया है। उन्होंने शौचालयों में किस तरह से आश्रय लिया, यह जांच का विषय है। हम इसमें पूछताछ करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। यही नहीं पहले यहां प्रशासन की तरफ से पहले मैस चालू कराई गई थी लेकिन भुगतान नहीं होने से मैस को बंद हो गई।
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