देश के मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा पड़ी है लॉकडाउन की मार: CMIE रिपोर्ट
नई दिल्ली। देशभर में लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा और इसका सीधा असर लोगों की आमदनी पर पड़ा है। कई रिपोर्ट्स में बेरोजगारी बढ़ने और विकास दर कम होने की बात सामने आ चुकी है। लॉकडाउन लागू होने के बाद मजदूर वर्ग बहुत ज्यादा परेशान दिखा था लेकिन सीएमआईई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसका सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग के लोगों पर हुआ है ना कि बहुत गरीब या बहुत अमीर वर्ग ज्यादा प्रभावित हुआ है।
अप्रैल में सबसे ज्यादा बुरा असर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट कहती है कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास पर हुआ है। रिपोर्ट कहती है इन वर्गों की आमदनी 30 प्रतिशत अंको तक कम हुई है। इस वर्ग की आमदनी अप्रैल में 9.6 फीसदी, 6.1 फीसदी मई में और जून में 4.4 फीसदी कम हुई है।
इस साल और बीते साल में फर्क
रिपोर्ट कहती है कि हर साल पांच लाख से ज्यादा कमाने वाले परिवारों में आधे से ज्यादा लोगों ने बीते साल यानी 2019 में अप्रैल से जून के बीच अपनी कमाई में बढ़त दर्ज की थी। वहीं इस साल अप्रैल से जून के बीच हर साल पांच लाख से ज्यादा कमाने वाले परिवारों में 15 फीसदी ही ऐसे थे। जिनकी कमाई में बढ़त हुई। दस लाख से ज्यादा कमाने वाले लोगों की आमदनी में भी इन महीनों में तेजी से कमी आई। दस लाश से ज्यादा कमा रहे लोगों में 60 फीसदी ने बीते साल इन महीनों में आमदनी बढ़ने की बात कही थी जो इस साल दल फीसदी तक रह गई।
24 लाख से और 36 लाख के बीच कमाने वालों की स्थिति
इस साल 24 लाख से और 36 लाख के बीच कमाने वाले एक तिहाई और 36 लाख से ज्यादा कमाने वाले 50 फीसदी परिवारों ने ही अप्रैल-जून 2020 के दौरान आय में वृद्धि की सूचना दी। जबकि बीते साल एक वर्ष पहले इस आय वर्ग के 70 प्रतिशत से अधिक ने पिछले साल की तुलना में आय में वृद्धि दर्ज होने की जानकारी दी थी। आंकड़ों की मानें तो 6.7 फीसदी परिवारों ने 2020 में अप्रैल-जून तिमाही में आय में वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 33 फीसदी थी। अनुमान है कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते देश में अप्रैल 2020 में 12 करोड़ से ज्यादा नौकरियां नुकसान दर्ज किया गया है। जून के बाद स्थिति में सुधार हुआ।
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