केंद्रीय मंत्री का विवादित बयान, विकृत मानसिकता वाले लोगों ने शुरू की #MeToo मुहिम
नई दिल्ली। #MeToo कैंपेन को लेकर केंद्रीय जहाजरानी और वित्त राज्य मंत्री पॉन राधाकृष्णन का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मीटू मुहिम कि शुरुआत विकृत मानसिकता वाले लोगों ने शुरू की है। राधाकृष्णन ने कहा कि सालों पहले हुई घटनाओं पर अब अरोप लगाना कहां तक उचित है। बता दें कि मीटू कैंपेन में केंद्रीय मंत्री रहे एमजे अकबर पर कई साथी महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और हैरेसमेंट का आरोप लगाया है। जिसेक बाद उन्होंने 17 अक्टूबर को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
राधाकृष्णन ने कहा कि यदि कोई आरोप लगाता है कि उसके साथ ऐसी चीज हुई, तो जब घटना हुई उस वक्त हम पांचवीं कक्षा में एक साथ खेल रहे थे। तो क्या यह उचित होगा? उन्होंने कहा कि यह मीटू विकृत मानसिकता वाले कुछ लोगों के बर्ताव का नतीजा है। इस मुहिम ने देश और महिलाओँ की छवि खराब हुई है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या पुरुषों के लिए ऐसे ही आरोप लगाना सही रहेगा। वह तो बड़ा अपमान होगा, क्या यह स्वीकार्य होगा?
मीटू
मुहिम
में
कई
दिग्गजों
पर
लगे
आरोप
मीटू
अभियान
में
सबसे
पहले
बॉलीवुड
एक्टर
नाना
पाटेकर
का
नाम
सामने
आया।
एक्ट्रेस
रही
तनुश्री
दत्ता
ने
उन
पर
यौन
उत्पीड़न
का
आरोप
लगाया।
इसके
बाद
बॉलीवुड
में
आरोपों
की
झड़ी
लग
गई।
नाना
पाटेकर
के
बाद
आलोक
नाथ,
फिल्मकार
सुभाष
घई,
लेखक
चेतन
भगत
के
अलावा
कैलाश
खेर
जैसी
कई
दिग्गज
हस्तियों
पर
हैरेसमेंट
के
आरोप
लगे।
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