#MeToo को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, वर्कप्लेस पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए मंत्री समूह का गठन
नई दिल्ली। मीटू कैंपेन के जरिए यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए केंद्र सरकार ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन कर दिया है। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव दिया था। यह समूह सरकार को यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों की जांच एवं आगे उठाए जाने वाले कदमों के बारे में उपाय सुझाएगा। इसके बाद सरकार इस मामलों पर कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
मंत्रियों के समूह के गठन के बाद गृहमंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकार महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने कहा है कि वर्क प्लेस में महिलाओं की साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के रोकने के लिए कानून भी है। इसके साथ-साथ यह मंत्री समूह इस बार भी गौर करेगी कि विशाखा गाइडलाइंस पर क्या और भी सुधार किए जाने की जरूरत हैं।
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इन
पर
लगे
हैं
आरोप?
मीटू
अभियान
के
बाद
बॉलीवुड
की
कई
बड़ी
हस्तियों
पर
यौन
उत्पीड़न
और
हैरेशमेटं
का
आरोप
लगा
है।
इसमें
सबसे
पहला
नाम
था
अभिनेता
नाना
पाटेकर
का।
नाना
पाटेकर
पर
अदाकारा
तनुश्री
दत्ता
ने
यौन
उत्पीड़न
का
आरोप
लगाया
है।
यौन
दुर्व्यवहार
के
आरोपियों
में
पूर्व
विदेश
राज्य
मंत्री
एम
जे
अकबर,
फिल्म
निर्देशक
सुभाष
घई,
साजिद
खान,
रजत
कपूर
और
अभिनेता
आलोक
नाथ
आदि
शामिल
हैं।
आरोप
लगने
के
बाद
एमजे
अकबर
ने
मंत्री
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
है।
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