ऑल इंडिया रेडियो में #MeToo की शिकायतें, मेनका गांधी ने जांच के लिए कहा
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पूरे भारत में ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों पर मिले यौन उत्पीड़न की शिकायतों की श्रृंखला की जांच करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पूरे भारत में ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों पर मिले यौन उत्पीड़न की शिकायतों की श्रृंखला की जांच करने के लिए कहा है। हाल ही में हुए #MeToo अभियान के तहत ऑल इंडिया रेडियो में यौन उत्पीड़न के कई शिकायतों की जांच को लेकर सवाल उठे हैं। यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद पीड़ित महिलाओं को काम नहीं दिया गया है। एआईसीएसीयू की मेनका गांधी को चिट्ठी के बाद केंद्रीय मंत्री ने जांच के लिए कहा है।
मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को जांच के लिए कहा
ऑल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाउंसर एंड कॉम्पेर्स यूनियन (AICACU) के मेनका गांधी को चिट्ठी लिखने के बाद केंद्रीय मंत्री ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऑल इंडिया रेडियो में आई यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सही से जांच करने के लिए कहा है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एआईसीएसीयू ने अपने पत्र में गांधी को लिखा कि रेडियो में कैजुअल अनाउंसर/कॉम्पेयर्स/रेडियो जॉकी अधिकारियों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही हैं, क्योंकि उन्हें नौकरी खोने का डर है। 'जिन महिला कैजुअल कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई थी, उन्हें उनके काम से निकाल दिया गया है। उनके हक में गवाही देने वाले कर्मचारियों को भी टारगेट किया जा रहा है।'
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ऑल इंडिया रेडियो में पीड़ितों के साथ नहीं हो रहा सही व्यवहार
एआईसीएसीयू ने बताया कि जब से महिला कर्मचारियों ने शिकायत की है, तभी से उन्हें कोई असाइनमेंट नहीं दिया गया है। जहां पीड़ित महिलाएं कैजुअल कर्मचारी (अस्थायी), वहीं सभी आरोपी स्थायी कर्मचारी हैं। संयोग से, मामलों की जांच करने वाली इंटरनल कंप्लेंट कमेटी में सभी स्थायी कर्मचारी हैं। ऑल इंडिया रेडियो में महिलाओं ने अलग-अलग स्टेशनों पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई है। एआईआर ओब्रा में पिछले 20 सालों से काम कर रही एक महिला ने बताया कि स्टेशन हेड जीपी निराला ने उनके शरीर को लेकर कमेंट किया था। इसकी शिकायत कमेटी को करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ, बल्कि वर्मा की ड्यूटी ही कैंसिल कर दी गई।
शिकायत के बाद से महिला कर्मचारियों को नहीं मिल रहे असाइनमेंट
धर्मशाला के स्टेशन में काम करने वाली महिला को स्टेशन हेड सुरेश कुमार ने जबरन किस किया था। महिला ने इसके खिलाफ पुलिस और इंटरनल कमेटी में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। महिला ने बताया कि जालंधर में एक कमेटी बनाई गई थी और उन्हें बार-बार वहां जाना पड़ा। तीन बार जालंधर जाने के बाद उन्होंने वहां जाने से इलकार कर दिया। रिपोर्ट में स्टेशन हेड को क्लीयर चिट दे दी गई, वहीं महिला की ड्यूटी तुरंत कैंसिल कर दी गई।
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प्रसार भारती और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखे गए कई पत्र
ऐसे ही पूरे भारत में कई महिला कर्मचारी हैं, जो अधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर बोलने की कीमच चुका रही हैं। एआईसीएसीयू की जनरल सेक्रेटरी शभनम खानम ने कहा कि प्रसार भारती और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को कई पत्र लिखने के बावजूद कैजुअल महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं रुका। इसपर प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेंपाती ने बिना केसों को पढ़े इसपर कमेंट करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बिना जानें इसपर प्रतिक्रिया देना मुश्किल है।