#MerryChristmas: सुदर्शन पटनायक ने रेत से बनाई सेंटा क्लॉज की सबसे बड़ी कलाकृति
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पुरी। 'क्रिसमस' खुशियों और प्यार का पर्व है, सभी इस दिन को अपनी तरह से सेलिब्रेट करते हैं, कोई पार्टी करता है तो कोई अपनों को तोहफे भेजता है लेकिन मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने क्रिसमस को अलग ही अंदाज में सेलिब्रेट किया है, उन्होंने क्रिसमस के ठीक एक दिन पहले पुरी के समुद्र तट पर अपनी कला की अनुपम छटा बिखेरी है, उन्होंने रेत से सेंटा क्लॉज की विशाल कलाकृति बनाई है। दावा किया जा रहा है कि यह सेंटा के चेहरे की दुनिया की सबसे बड़ी कलाकृति है जो लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में जगह बनाएगी। पटनायक ने सेंटा के साथ विश्व शांति का संदेश भी लिखा है। सेंटा क्लॉज के चेहरे की ऊंचाई 25 फीट है और चौड़ाई 50 फीट है।
कौन हैं सुदर्शन पटनायक
सुदर्शन पटनायक का जन्म 15 अप्रैल 1977 को भारत के ओडिशा राज्य में हुआ था, वो प्रसिद्ध रेत-कलाकार हैं। उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
क्रिसमस ईसा मसीह
क्रिसमस ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था।
फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस
ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसम्बर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहते हैं।
थोड़ा सा अंतर
आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है तो वहीं जुलियन वेर्सिओं के अनुसार 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाता है।
'बड़ा दिन' का अर्थ
क्रिसमस को लोग 'बड़ा दिन' भी कहते हैं, बहुत सारी किताबों में लिखा है कि 25 दिसंबर को रोम के लोग रोमन उत्सव के रूप में सेलिब्रेट करते थे, इस दिन लोग एक दूसरे को ढ़ेर सारे उपहार देते थे, धीरे-धीरे ये उत्सव काफी बड़ा हो गया इसलिए इस दिन को लोग 'बड़ा दिन' कहने लगे।
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