संसद की कैंटीन में खत्म होगी फूड सब्सिडी, नहीं मिलेगा अब सस्ता खाना!
नई दिल्ली। संसद की कैंटीन में सांसदों को मिलने वाली फूड सब्सिडी खत्म हो जाएगी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने सब्सिडी खत्म करने का सुझाव दिया था, जिसपर सभी दलों के सांसदों ने अपनी सहमति दे दी है। यानी अब संसद की कैंटीन में सांसदों को सस्ता नहीं बल्कि सामान्य रेट पर खाना मिलेगा। बता दें कि संसद की कैंटीन में सब्सिडी पर सालाना करीब 15 करोड़ रु का खर्च आता है।
सभी पार्टियों के सांसदों ने सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सुझाव के बाद बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने इसपर चर्चा की थी। इस सुझाव पर सभी पार्टियों के सांसदों ने सहमति जताई है। अगर संसद की कैंटीन से सब्सिडी खत्म कर दी जाती है तो सालाना करीब 15 करोड़ की बचत होगी। संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। अक्सर ये सवाल उठते हैं कि सांसदों को कैंटीन में खाने पर इतनी भारी सब्सिडी क्यों दी जाती है।
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सब्सिडी पर अक्सर उठते रहे हैं सवाल
कुछ दिनों पहले ही संसद की कैंटीन की रेट लिस्ट सामने आई थी। साल 2017-18 तक संसद की कैंटीन में चिकन करी 50 रु, प्लेन डोसा 12 रु, वेज थाली 35 रु और थ्री कोर्स लंच 106 में रुपए में मिलता था। 12 रु में डोसा संसद के बाहर शायद ही कहीं मिलेगा। लेकिन सांसदों को ये सुविधा संसद की कैंटीन में मिलती थी। एक आरटीआई के जवाब में सब्सिडी पर मिलने वाले खाने का दाम सामने आया था। हालांकि, अब संसद की कैंटीन में सस्ता खाना मिलना बंद हो सकता है। पिछले दिनों लोकसभा में कैंटीन में खाने के रेट को रिवाइज किया गया था और सब्सिडी को कम किया गया था।
सब्सिडी खत्म होने पर नहीं मिलेगा सस्ता खाना
लेकिन अब जो खबरें आ रही हैं, उसके मुताबिक, पूरी तरह सब्सिडी को खत्म करने की तैयारी हो रही है। साल 2015 में भी कैंटीन में खाने की लागत पर 80 फीसदी सब्सिडी देने की बात सामने आई थी। उस वक्त बीजद के सासंद बिजयंत जय पांडा ने स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी और सब्सिडी खत्म करने की मांग की थी। तब बीजद सांसद ने इस बात का हवाला दिया था कि अगर केंद्र सरकार आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की बात कर रही है तो सभी सांसदों से कैंटीन में मिलने वाली फूड सब्सिडी वापस ली जानी चाहिए।