जम्मू-कश्मीर: 10,000 जवानों की अतिरिक्त तैनाती पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- लोग डरे हुए हैं
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया केंद्र सरकार के घाटी में 10,000 जवानों की तैनाती के फैसले से लोगों के मन में डर पैदा हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा। उन्हें कहा कि केंद्र सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए और अपनी पॉलिसी में सुधार करना चाहिए।
महबूबा बोलीं- घाटी में लोग डरे हुए हैं
महबूबा मुफ्ती ने सरकार के फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि घाटी में 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो कि मिलिट्री से हल नहीं होगी। भारत की सरकार को अपनी पॉलिसी पर दोबारा विचार करने और उसमें सुधार करने की जरूरत है।
कश्मीर में तैनात होंगे 10 हजार अतिरिक्त जवान
पीडीपी प्रमुख ने ये प्रतिक्रिया मीडिया रिपोट्स के बाद दी है। इन रिपोट्स में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करने के लिए जम्मू -कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 10,000 टुकड़ियों को स्थानांतरित करने का फैसला किया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कश्मीर घाटी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान आया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने आतंकवाद रोधी ग्रिड को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बल भेजने का आदेश जारी किया था।
'क्या हटाया जाएगा 35ए'
पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा कि गृह मंत्रालय की तरफ से कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 100 अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला घाटी चिंता पैदा कर रहा है। किसी को इस बात की जानकारी नहीं है कि सुरक्षाबलों को तैनात करने का ये फैसला अचानक क्यों लिया गया है। अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयावह होने वाला है. क्या यह 35ए के बारे में है। यह एक लंबी रात होने वाली है।
एजीडीपी मुनीम खान ने किया इनकार
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एडीजीपी) लॉ एंड ऑर्डर मुनीर खान ने हालांकि अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किए जाने के दावों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि 100 कंपनियों को केवल रिप्लेस्मेंट के रूप में लाया जा रहा है। इस साल की शुरुआत में 24 फरवरी को घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई थीं। सरकार ने उस समय कहा था कि सैनिकों को अप्रैल और मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया है। हाल ही में घाटी में अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 40,000 जवानों को तैनात किया गया है।
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