महबूबा मुफ्ती बोलीं- सभी दल एक मंच पर आकर केंद्र को बताएं, वो कश्मीर से खेल नहीं सकते
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि केंद्र की ओर से उठाए गए ताजा कदमों से सूबे के लोग डरे हुए हैं। केंद्र की ओर से जिस तरह की चीजें हुई हैं, उससे एक अफरातफरी का माहौल है लेकिन केंद्र सरकार कुछ साफ नहीं कर रही है। वहीं राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जो हो रहा है वो कभी नहीं हुआ। पूरे देश और जम्मू कश्मीर के लोगों के दिलों में एक अंदेशा है। वो डरे हुए हैं। जम्मू कश्मीर में अचानक रोकी गई अमरनाथ यात्रा, पर्यटकों को वापस आने की एडवाइजरी और घाटी में 25 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती पर पीडीपी और कांग्रेस नेताओं ने ये सवाल उठाए हैं।
महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लोगों को साथ आने की जरूरत है। हम लोगों को केंद्र को एक मैसेज देने की जरूरत है। उनको ये बताया जाना चाहिए कि आप कश्मीर से खेल नहीं सकते हो और ना ही सूबे के स्पेशल स्टेटस को बदल सकते हो। इतने डर का माहौल है और हद ये है कि केंद्र की ओर से कोई बयान नहीं आ रहा है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी सरकार में कभी अमरनाथ यात्रा रद्द नहीं हुई लेकिन इस बार यह रद्द क्यों करनी पड़ी और एडवायज़री जारी करने से एक डर का माहौल है। ऐसा तो कभी भी नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूरे देश के लोग डरे हुए हैं। आज के हालात 1990 की याद दिला रहे है। अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात करने से चिंताजनक स्थिति बन चुकी है। सरकार साफ़-साफ बताए कि वह ऐसा क्यों कर रही है।
शनिवार सुबह सूबे के एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है। अब्दुल्ला ने बताया कि वो गवर्नर से यही जानने चाहते थे कि आखिर ये सब हो क्या रहा है। क्यों लोगों को वापस बुलाया जा रहा है और फोर्स भेजी जा रही है। अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।
राज्यपाल को भी नहीं पता कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है: उमर अब्दुल्ला