मेघालय खदान हादसा: 17वें दिन भी जारी बचाव कार्य, पानी का स्तर अभी भी कम नहीं
शिलांग। मेघालय में रैट होल कोयला खदान में बाढ़ का पानी भर जाने से उसमें फंसे 13 मजूदरों की तलाश और बचाव अभियान में मदद करने के लिए शुक्रवार को ओडिशा दमकल विभाग का एक दल पूर्वोत्तर राज्य के लिए रवाना हो गया। मेघालय में लुम्थारी गांव के एक इलाके में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में ये मजदूर 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। उधर, भारतीय नौसेना की 15 सदस्यीय गोताखोरों की टीम शनिवार से अभियान में शामिल होगी। आपको बता दें कि जयंतिया हिल्स में मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन का आज 17वां दिन है।
एनडीआरएफ के असिस्टेंड कमांडेट एसके सिंह का कहना है कि आज भी तैराक खदान के अंदर गए थे, लेकिन पानी का स्तर कम नहीं हुआ है। रक्षा प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि विशाखापत्तनम से गोताखोरों की टीम मेघालय की पूर्वी जयंतियां पहाड़ी के कासन गांव में 370 फुट के कोयला खदान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने में मदद करेगी। उधर, दमकल विभाग के महानिदेशक बीके शर्मा ने बताया कि मुख्य दमकल अधिकारी सुकांत सेठी के नेतृत्व में 20 सदस्यीय दल हाई पावर पम्प समेत अन्य उपकरणों के साथ भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान से शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गया।
East Jaintia Hills: Operations to rescue the trapped miners in Khelerihaat underway for the 17th day. (Earlier visuals) #Meghalayamines pic.twitter.com/RoCflUwUqb
— ANI (@ANI) December 28, 2018
ओडिशा दमकल विभाग टीम के विमान में सवार होने पर शर्मा ने ट्वीट कर कहा, 'गेट, सेट ऐंड गो।' उन्होंने कहा, 'वे कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने में स्थानीय अधिकारियों की मदद करेंगे।' अधिकारी ने बताया कि दल के पास कम से कम 20 हाई पावर पम्प है। हर पम्प एक मिनट में 1,600 लीटर पानी निकालने में सक्षम है। उन्होंने कहा, 'ओडिशा उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जिसे इस तरह की आपदाओं से निपटने का अनुभव है।' दमकल विभाग के कर्मचारी कई अन्य हाइटेक उपकरणों और गैजट से भी लैस हैं।