मेघालय हादसा: केंद्र ने कहा, खदान का नक्शा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
नई दिल्ली। मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि खदान गैरकानूनी है और इसकी देखरेख भी सही ढंग से नहीं की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार से 7 जनवरी से पहले जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने कहा कि सरकारें बताएं कि 15 मजदूरों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इस सुनवाई के दौरान, तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि खदान का कोई ब्लू प्रिंट भी मौजूद नहीं है। भारतीय नौसेना के गोताखोर बुलाए गए हैं लेकिन बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि खदान के पास ही नदी भी है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खदान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, मजदूर क्यों इसका नुकसान झेलें।
Meghalaya miners' rescue case: Supreme Court says, take action against mine owners. Why should the workers suffer?
— ANI (@ANI) January 4, 2019
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इसके पहले, कल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय के हालात पर चिंता जताई थी और राज्य सरकार से पूछा था कि 15 खनिकों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, अब तक उनको क्यों नहीं निकाला जा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि ये बहुत ही गंभीर मामला है और खदान में फंसे 15 खनिकों की जिंदगी और मौत का सवाल है।