देशभर के किसानों, मजदूरों की आज दिल्ली में विशाल रैली, संसद का करेंगे घेराव
नई दिल्ली। फसलों की सही कीमत, मजदूरों को सही मजदूरी, किसानों की कर्जमाफी, समेत तमाम मांगों को लेकर आज देशभर से किसान, मजदूर दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। लेफ्ट ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया है, जिसके बाद तमाम मांगों को लेकर ये लोग संसद का घेराव करेंगे। मजदूर किसान संघर्ष रैली पहली ऐसी रैली है जिसे लेफ्ट संगठनों ने आयोजित किया है, जिसमे सभी ऑल इंडिया एग्रिकल्चरल वर्कर्स यूनियन, सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन, ऑल इंडिया किसान सभा हिस्सा ले रही है।
ये
हैं
अहम
मांगें
ऑल
इंडिया
किसान
सभा
के
सचिव
हन्ना
मोल्लाह
ने
बताया
कि
सरकार
किसानों
को
नुकसान
पहुंचा
रही
है,
खेत
में
काम
करने
वाले
किसान,
मजदूर
अच्छी
फसल
पैदा
कर
रहे
हैं
लेकिन
उन्हें
बमुश्किल
इसका
फायदा
मिल
रहा
है।
हम
पहली
बार
एक
साथ
अपने
विरोधी
के
खिलाफ
आवाज
उठाने
जा
रहे
हैं।
सरकार
की
नीतियां
सिर्फ
उद्योगपतियों
के
हित
में
हैं,
आम
लोगों
को
इसका
फायदा
नहीं
हो
रहा
है,
हम
चाहते
हैं
कि
सरकार
अपनी
नीतियों
को
बदले।
प्रदर्शनकारियों
ने
सरकार
के
सामने
15
मांगे
रखी
हैं,
ये
लोग
चाहते
हैं
कि
उन्हें
फसल
की
बढ़ी
हुई
कीमत
मिले,
वितरण
के
सिस्टम
को
समान
किया
जाए,
रोजगार
का
सृजन
हो,
न्यूनतम
सैलरी
जोकि
18000
रुपए
है
वह
मिले
और
लेबर
कमीशन
में
किए
गए
संशोधन
को
खत्म
किया
जाए।
कई
अन्य
संगठन
भी
शामिल
सीआईटीयू
के
महासचिव
तपन
सेन
ने
कहा
कि
आगे
की
योजना
की
घोषणा
जब
हम
संसद
के
पास
पहुंच
जाएंगे
तब
की
जाएगी।
अगर
हमारी
मांगों
को
माना
नहीं
जाता
है
तो
प्रदर्शन
और
तेज
होगा।
लेफ्ट
के
इस
प्रदर्शन
को
तमाम
शिक्षकों,
ट्रेड
यूनियन
ने
अपना
समर्थन
दिया
है।
आंगनवाड़ी,
आशा
कार्यकर्ता
भी
इस
प्रदर्शन
में
शामिल
हो
सकते
हैं।
किसान
सभा
के
अध्यक्ष
अशोक
धावले
ने
कहा
कि
कई
संगठन
हमसे
जुड़े
नहीं
हैं
लेकिन
वो
दिल्ली
इश
प्रदर्शन
में
शामिल
होने
के
लिए
आए
हैं
क्योंकि
वह
भी
सरकार
की
जनविरोधी
नीतियों
के
खिलाफ
हैं।
किसान,
मजदूर
को
नहीं
मिल
रहा
है
हक
महाराष्ट्र
के
नासिक
से
आए
किसान
रघुनाथ
चौधरी
का
कहना
है
कि
सरकार
ने
उनके
साथ
धोखा
किया
है
और
जो
मांगे
लिखित
में
मानने
के
लिए
कहा
था
उसे
भी
नहीं
माना
है।
रघुनाथ
इस
वर्ष
मार्च
माह
में
हुए
लॉग
मार्च
का
हिस्सा
थे।
छत्तीसगढ़
के
रमेश
सिंह
आर्मो
का
कहना
है
कि
मनरेगा
के
तहत
हमे
सैलरी
हर
महीन
देर
से
मिल
रही
है।
हमे
मुश्किल
से
कोई
काम
मिलता
है।
हमे
पैसा
मिलता
भी
है
तो
वह
काफी
विलंब
से
मिलता
है।
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