Kartarpur Corridor Meet: तनाव के बीच जीरो प्वाइंट पर आज होगी भारत-पाक वार्ता
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण हैं। एक तरफ जहां पाकिस्तान लगातार भारत को धमकी दे रहा है तो दूसरी तरफ भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल हो रहा है। इन तमाम घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान ने गजनवी बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जोकि 290 किलोमीटर रकी गति से मार करने में सक्षम है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत के लिए अपने एयरस्पेस बंद करने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान के इन तमाम फैसलों से भारत-पाक के बीच तनाव में इजाफा हुआ है।
इन
मसलों
पर
हो
सकती
है
चर्चा
इन
सब
के
बीच
पाकिस्तान
ने
इस
बात
की
पुष्टि
की
है
कि
वह
शुक्रवार
को
करतारपुर
कोरिडोर
को
खोलने
को
लेकर
भारत
से
तकनीकी
मुलाकात
करने
जा
रहा
है।
सिख
श्रद्धालुओं
को
वीजा
देने
की
प्रक्रिया
एक
सितंबर
से
शुरू
हो
सकती
है।
जिससे
कि
नवंबर
माह
में
ननकाना
साहब
में
गुरु
नानक
के
550वीं
जन्मदिवस
के
मौके
पर
श्रद्धालु
यहां
पहुंच
सके।
इसके
अलावा
पाकिस्तान
की
ओर
से
इस
बात
की
भी
पुष्टि
की
गई
है
कि
वह
कुलभूषण
जाधव
को
काउंसलर
एक्सेस
दे
सकता
है।
भारत
ने
किया
विरोध
पाकिस्तान
की
ओर
से
जम्मू
कश्मीर
में
आर्टिकल
370
को
खत्म
किए
जाने
के
बाद
जिस
तरह
से
पाकिस्तान
ने
प्रतिक्रिया
दी
है,
उसका
भारत
ने
पुरजोर
विरोध
किया
है।
भारत
की
ओर
से
पाक
के
बयान
की
आलोचना
करते
हुए
कहा
गया
है
कि
हम
भारत
के
आंतरिक
मामले
में
पाकिस्तान
के
गैरजिम्मेदाराना
बयान
का
निंदा
करते
हैं।
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
रवीश
कुमार
ने
कहा
था
कि
हम
पाकिस्तान
के
नेतृत्व
द्वारा
भारत
के
आंतरिक
मामले
पर
दिए
गए
गैरजिम्मेदाराना
बयान
की
कड़ी
निंदा
करते
हैं।
इस
बयान
में
जिहाद,
भारत
में
हिंसा
भड़काने
की
बात
कही
गई
है।
ऐसा
इसलिए
किया
गया
है
ताकि
लोगों
कश्मीर
की
चिंताजनक
हालात
के
बारे
में
बताया
जाए,
लेकिन
यह
सच्चाई
से
बिल्कुल
परे
है।
दुनिया
आपके
धोखे
और
फरेब
को
जानती
है
रवीश
कुमार
ने
कहा
कि
पाकिस्तान
को
यह
समझने
की
जरूरत
है
कि
दुनिया
ने
उनके
भड़कावे
की
कार्रवाई
को
देख
लिया
है,
दुनिया
आपकी
भाषणबाजी
को
समझती
है,
जोकि
पूरी
तरह
से
झूठ
और
धोखे
पर
आधारित
है।
पाकिस्तान
ने
जम्मू
कश्मीर
के
हालात
को
लेकर
यूएन
को
जो
पत्र
लिखा
था
उसके
जवाब
में
रवीश
कुमार
ने
कहा
कि
मैं
इस
बारे
में
कुछ
भी
नहीं
कहना
चाहता
हूं,
मैं
इसे
पूरी
तरह
से
खारिज
करता
हूं,
इस
पत्र
का
पन्ना
भी
कोई
अहमियत
नहीं
रखता
है,
जिसपर
यह
लिखा
गया
है।
इसे भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर में पाबंदी और लोगों को नजबरंद किए जाने पर अमेरिका ने जताई चिंता