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किसानों और सरकार के बीच सात घंटे बैठक चली में नहीं निकला कोई नतीजा, परसो फिर होगी बातचीत

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नई दिल्ली। किसान संगठनों के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में आज (3 दिसंबर) हुई बैठक खत्म हो गई है। किसान संगठनों के साथ सरकार की चौथे दौर की वार्ता में आज कोई नतीजा नहीं निकला है। शनिवार यानी 5 दिसंबर को फिर से किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होगी। किसानों और सरकार के बीच आज करीब सात घंटे तक बैठक हुई। दोपहर 12 बजे से ये बैठक शुरू हुई जो शाम सात बजे के बाद तक चली।

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किसानों की सत्र बुलाकर नए कानून वापस लेने की मांग

किसानों की सत्र बुलाकर नए कानून वापस लेने की मांग

बैठक में 30 से ज्यादा किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। वहीं सरकार की ओर से केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। किसानों की मांग है कि सरकार हाल ही में लाई नए कृषि कानूनों को वापस ले ले। आज की बैठक में किसान नेताओं ने संसद का सत्र बुलाकर नए कानूनों को रद्द किए जाने की मांग की है। वहीं बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कहा कि, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) को नहीं छुएगी और ना ही इसमें कोई बदलाव किया जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कही ये बात

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कही ये बात

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा, आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे। किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी। भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े।

 कई महीने से जारी है किसानों का आंदोलन

कई महीने से जारी है किसानों का आंदोलन

केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून से आंदोलनरत हैं। किसानों ने हाल ही में 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। जिसके बाद 26 नवंबर को किसान पंजाब हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच किए और बीते आठ दिन से किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई खई दौर की बातचीत से भी अभी कोई नतीजा नहीं निकलता दिख रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार जमीनों और मंडी सिस्टम को बड़े कारोबारियों को सौंप रही है, जो हमें बर्बाद कर देगा। ऐसे में इनको तुरंत वापस लिया जाए।

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English summary
meeting of farmer leaders with the central govt concludes Next meeting to be held on December 5
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