NPR को लेकर गृह मंत्रालय की अहम बैठक आज, पश्चिम बंगाल नहीं होगा शामिल
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर विचार विमर्श करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक बुलाई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में राय के अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सभी राज्यों के जनगणना निदेशक और मुख्य सचिव शामिल होंगे। गृह मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि बैठक में एक अप्रैल से 30 सितंबर तक घरों को सूचिबद्ध करने के चरण और एनपीआर की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ये साफ कह चुकी हैं कि उनके राज्य के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि केरल ने कहा है कि वह बैठक में शामिल होगा। गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर राज्य एनपीआर से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित कर चुके हैं।
Principal secretary (General admn dept, Kerala) KR Jyothilal: Kerala will attend the meeting, called by Ministry of Home Affairs, of state chief secretaries and Director of Census to discuss census, NPR and seek suggestions & training and appointment process for Census and NPR.
— ANI (@ANI) January 17, 2020
एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के तहत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर बनाया जाएगा। इनमें देश के हर नागरिक के लिए नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। एक तरह से यह देश में रह रहे नागरिकों के लिए समग्र डाटाबेस होगा। जिसे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर बनाया जाएगा।
एनपीआर (National Population Register) अपडेट करने की प्रक्रिया इस वर्ष शुरू होगी। इससे पहले साल 2010 में डाटा एकत्रित किया गया था। ये काम उस वक्त हुआ जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े जुटाए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण और अपडेट के लिए डाटा डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो गया है। एनपीआर में ऐसे लोगों का लेखा जोखा होगा, जो किसी इलाके में 6 महीने या उससे अधिक समय से रह रहे हों।
रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस (जनगणना) कमिश्नर के अनुसार, असम को छोड़कर सभी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया इस वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होने वाली है। ये प्रक्रिया सितंबर तक चलेगी। इस दौरान एनपीआर को अपडेट करने का काम होगा। असम को इसलिए अलग रखा गया है क्योंकि यहां पहले से ही एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) लागू है।
शाहीन बाग: सड़क बंद होने से पुलिस और लोग परेशान, प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने हटने से किया इनकार