कौन हैं डोवाल की टीम में शामिल वो तीन लोग जिन पर है घाटी का सारा जिम्मा
नई दिल्ली। पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का ऐलान कर राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने की घोषणा कर दी। सरकार की घोषणा होते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल घाटी के लिए रवाना हो गए। 10 दिन तक घाटी में रुकने के बाद डोवाल, राजधानी दिल्ली लौट आए हैं।घाटी में जितने दिन भी डोवाल रुके उनकी टीम में ऐसे तीन लोग थे जो हर पल उन्हें हालातों के बारे में बताते और उन्हें अहम जानकारियां मुहैया करा रहे थे। आइए आपको इन तीन लोगों के बारे में बताते हैं।
जम्मू कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी
कश्मीर घाटी में डोवाल के पास ब्यूरोक्रेट्स और सुरक्षा विशेषज्ञों की अच्छी खासी टीम थी। डोवाल को घाटी में भेजा गया था ताकि वह पीएम मोदी के कश्मीर प्लान को सही तरह से लागू करा पाएं। पीएम मोदी के फैसले में डोवाल की मदद करने वालों में सबसे ऊपर नाम है जम्मू कश्मीर चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रहमण्यम का। सूत्रों की मानें तो जब से सुब्रहमण्यम को राज्य का अहम पद दिया गया है तब से ही वह बिना थके अपने मिशन को अंजाम देने में लगे हुए हैं। सुब्रह्मण्यम के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से सहयोग स्थापित करने की जिम्मेदारी थी। सुब्रह्मण्यम के पिछले वर्ष घाटी का चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था।
वीरप्पन को ढेर करने वाले आईपीएस ऑफिसर
इसके बाद नाम आता है रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर, के विजय कुमार का, के विजय कुमार को जून 2018 में केंद्र सरकार ने तत्कालीन राज्यपाल केएन वोहरा का एडवाइजर नियुक्त किया था। विजय कुमार वही आईपीएस ऑफिसर हैं जिन्होंने चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर किया था। के विजय कुमार इस समय राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सुरक्षा सलाहकार हैं। उन पर राज्य पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज के बीच समन्वय की जिम्मेदारी है। एक आईपीएस ऑफिसर के विजय कुमार सीआरपीएफ के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। ऐसे में वह हर पहलू से वाकिफ हैं।
डीजीपी ने भी टीम का हिस्सा
इसके बाद जो नाम डोवाल की टीम का अहम हिस्सा बना, वह है जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह का। राज्य पुलिस के मुखिया दिलबाग सिंह राज्य के हर पुलिसकर्मी का मनोबल इन परिस्थितियों में सर्वोच्च रख पाने में सफल रहे हैं। अजित डोवाल को इन तीनों ऑफिसर्स की ओर से काफी मदद मिल रही है। डोवाल रोजाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट भेजते रहे। वहीं पहले दिन यानी छह अगस्त को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पहली रिपोर्ट भेजी थी।