जानिए कौन हैं IAF के जाबांज हीरो, जो राफेल को भारत लेकर आए, गर्व कर रहा पूरा देश
जानिए कौन हैं IAF के जाबांज हीरो, जो राफेल को भारत लेकर आए, गर्व कर पूरा देश
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के बीच आसमान के बाहुबली राफेल लड़ाकू विमान( Rafale Aircraft) का भारत में आगमन हो चुका है। जोरदार स्वागत के साथ राफेल का भारत की जमीं पर आगमन हुआ। बुधवार को जब अंबाला एयरबेस में राफेल विमानों की लैंडिंग हुई तो पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। 5 राफेल विमानों को फ्रांस से लेकर आने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना के जाबांजों पर थी। पांच राफेल को सुरक्षित भारत के जमीं पर उतारने की जिम्मेदारी एयरफोर्स के शूरवीरों पर थी, जिसकी कमान ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह संभाल रहे थे। ग्रुप कैप्टन हरकीरत एक शौर्य चक्र विजेता हैं। उनके साथ इस टीम में एयरफोर्स ने शूरवीरों को भेजा था। आइए जानें उन वीरों के बारे में जिनपर आज न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे देश को गर्व है।
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ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह
बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए। फ्रांस से मिली पांच विमानों की पहली खेप UAE के रास्ते अंबाला एयरबेस पर पहुंची। अंबाला एयरबेस में उनका जोरदार स्वागत किया गया। राफेल विमानों के वायुसेना के खेमे में शामिल होने की उसकी ताकत बढ़ गई और देश का जोश भी। भारतीय वायुसेना के जिन पायलटों को राफेल को भारत लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई उनकी कमान ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने संभाली। 5 राफेल विमानों की पहली खेप में सबसे पहले विमान की लैंडिंग करानी की जिम्मेदारी उनकी थी। हरकीरत सिंह 17वीं स्क्वाड्रन गोल्डन एरो के कमांडिंग ऑफिसर हैं। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह भारत के सामरिक महकमे में काफी मशहूर हैं। वर्तमान में एयरफोर्स की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। वो पहले मिग-21 के पायलट रह चुके हैं। उन्हें एयरक्राफ्ट और अपनी जान बचाने के लिए साल 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी
विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी राफेल राफेल को फ्रांस से भारत लाने वाली एयरफोर्स की टीम में शामिल थे। उनके कंधो पर राफेल को भारत में सफलता पूर्वक लाने की जिम्मेदारी थी। अभिषेक त्रिपाठी का पैतृक गांव यूपी के हरदोई में है, लेकिन उनका परिवार जयपुर में रहता है। यहीं वो बड़े हुए और अपनी पढ़ाई पूरी की। भारत ने जब राफेल डील की थी तो राफेल उड़ाने के लिए देश के जिन चुनिंदा विंग कमांडरों को प्रशिक्षण दिया गया था, उनमें बरौनी निवासी विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी थे। अभिषेक का बचपन से ही सपना प्लेन उड़ाने का था और इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने एयरफोर्स ज्वाइन किया।
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एयर कोमोडोर हिलाल अहमद
राफेल के पहले बैच को भारत लाने वाले एयरफोर्स से जाबांज अफसरों में एक नाम हिलाल अहमद राथर का भी है। वह फ्रांस में भारत के एयर अताशे हैं। अहमद जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अनंतनाग जिले के बख्शियाबाद स्थित सैनिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। राफेल को भारत लाने के लिए एयरफोर्स की टीम में अहमद के शामिल होने से कश्मीर के लोग उत्साहित हैं। कश्मीर के लोग इस बात पर फक्र कर रहे हैं कि राफेल में बैठने वाला पहला व्यक्ति उनके अनंतनाग का निवासी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार हिलाल अहमद रथर को एयफोर्स के फाइटर प्लेन को उड़ाने का 3000 घंटे से भी अधिक समय का अनुभव है। वो वायुसेना के मिग-21 और मिराज उड़ा चुके हैं। उन्हें 2010 में वायुसेना के मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 से शामिल हैं। साल 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए। साल 2004 में विंग कमांडर और 2016 में ग्रुप कैप्टन बन गए। साल 2019 में उन्हें एयर कोमोडोर बनाया गया।
एयर कमांडर मनीष सिंह
भारतीय वायुसेना के जाबांज अफसरों में से एक नाम है एयर कमांडर मनीष सिंह। मनीष उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं। बलिया के बांसडीह तहसील के छोटे से गांव बकवां में उनका पैतृक घर है। मनीष का पूरा परिवार फौज में है। उनके पिता मदन सिंह स्वयं थल सेना में थे। मनीष की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई, जिसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल चले गए। साल 2002 में उन्होंने एयरफोर्स ज्वाइंन किया। बतौर पायलट उन्होंने वायुसेना को ज्वाइंन किया। साल 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी।
विंग कमांडर रोहित कटारिया
राफेल विमानों को भारत लाने वाले पायलटों की टीम में हरियाणा गुरुग्राम के रहने वाले जबांज जवान रोहित कटारिया भी शामिल हैं। रोहित के पिता भी आर्मी से रिटायर्ड कर्नल हैं। रोहित की शुरुआती शिक्षा तिलैया झारखंड स्थित सैनिक स्कूल से हुई है। रोहित कटारिया पहले भी फ्रांस जा कर भी रॉफेल की ट्रेनिंग ले चुके हैं।
The first 5 #IAF #Rafales have taken off from Dassault Aviation Facility, Merignac, #France today morning. These 5 include 3 single-seater and 2 twin-seater aircraft. The ferry is planned in two stages & is being undertaken by IAF pilots. 1/2#RafaleJet pic.twitter.com/0TWU5zlgvQ
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 27, 2020