शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मीनाक्षी लेखी ने कहा, लोग खुद घर चले जाएं तो बेहतर
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बेहतर होगा कि ये लोग खुद सेही वापस घर लौट जाएं। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन की वजह से यहां रह रहे लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा बेहतर होगा यहां प्रदर्शन कर रहे लोग वापस चले जाएं। गौरतलब है कि शाहीन बाग इलाके में लोग काफी दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
लगातार चल रहा प्रदर्शन
शाहीन बाग में लोग लगातार 24 घंटे प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों का प्रदर्शन काफी शांतिपूर्व है और ये लोग यहां से हटने के लिए कतई तैयार नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों को कहना है कि जबतक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लिया जाता है कि हम इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन को खत्म नहीं करेंगे और यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे। सीएए का विरोध करने वालों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जमकर हमला किया। पीएम मोदी ने कहा कि CAA को लेकर केवल भ्रम पैदा किया जा रहा है।
पीएम ने सीएए पर दी सफाई
पीएम ने कहा कि कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि नागरिकता को लेने के लिए, इस कानून को रातों-रात नहीं बल्कि सोच विचार कर बनाया गया है, लेकिन कुछ राजनीतिक दल इसे जानबूझकर समझना नहीं चाहते हैं, उन्होंने कहा कि इस कानून के बन जाने के बाद अब पाकिस्तान को जवाब देना होगा कि उसने अल्पसंख्यकों पर जुर्म क्यों किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने वो ही किया है जो की महात्मा गांधी ने कहा था, इस कानून के जरिए हम उन लोगों की मदद कर रहे हैं जो पड़ोसी देशों में अपनी धार्मिक आस्था के चलते प्रताड़ित किए गए। मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूं कि ऐसे लोगों की मदद करना गलत है क्या, इस कानून से यहां के लोगों की नागरिकता पर प्रश्न नहीं खड़े हो रहे हैं लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह करने में लगे हैं।
मदद करनी चाहिए
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि महात्मा गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने कहा था कि हमें पाकिस्तान में रहने वाले अपने इन भाइयों-बहनों की मदद करनी चाहिए। हमने तो केवल गांधी जी के कहे का पालन किया है, मैं फिर कहूंगा, सिटिजनशिप ऐक्ट, नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है, इतनी छोटी सी बात यहां के बच्चों को समझ आ गई लेकिन राजनीति का गंदा खेल खेलने वाले जानबूझकर इसे समझना नहीं चाहते हैं।