CJI रंजन गोगोई ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से किया इनकार, बोले- इसके पीछे कोई बड़ी ताकत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया है। सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले पर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं किया है और मीडिया को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संयम दिखाने को कहा है। सीजेआई पर सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाली एक जूनियर सहायक ने कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसपर शनिवार को सुनवाई हुई।
यौन उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद- सीजेआई
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि ऑनलाइन मीडिया में कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पीछे कोई बड़ी ताकत है। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है और न्यायपालिका को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। वह महिला क्रिमिनल बैकग्राउंड की है।
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महिला के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज- सीजेआई
इस मामले पर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि देश में दो कार्यालय हैं जो पूरी तरह से स्वतंत्र हैं- PMO और CJI का कार्यालय। सीजेआई ने यौन उत्पीड़न के आरोप पर कहा कि उस महिला के ऊपर दो मामले दर्ज थे। ऐसे में आपराधिक मामला चलने के बावजूद वह कैसे सुप्रीम कोर्ट में कार्य कर रही थी। मैंने दिल्ली पुलिस से इस मामले में जानकारी ली थी।
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'20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में केवल 6 लाख'
रंजन गोगोई ने कहा, 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा है और मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोपों से बहुत आहत हूं। 4 मीडिया हाउस ने विस्तार से इसपर कहानियां प्रकाशित की हैं। मुझे उनसे जानकारी मिली है।' उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए। भावुक होते हुए सीजेआई ने कहा कि 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में केवल 6 लाख रुपये हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे चपरासी के पास भी मुझसे अधिक पैसा है।