मेदांता अस्पताल ने कहा- FIR दर्ज कराने वाला है ब्लैकमेलर, महिला के वायरल वीडियो पर भी दी सफाई
नई दिल्ली। मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम में मरीज के साथ खराब बर्ताव और बिना कारण बताए बहुत ज्यादा पैसा मांगे जाने के एक महिला के आरोपों पर अस्पताल प्रबंधन ने जवाब दिया है। महिला ने वीडियो बनाकर अस्पताल में इलाज के नाम पर खुली लूट होने और कुछ भी टेस्ट कराने के नाम पर लाखों रुपए मांगने की बात कही है। इस पर मेदांता गुरुग्राम के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एके दुबे ने कहा है कि उनकी बातों में सच्चाई नहीं है। इसके अलावा जमीन घोटाले के मामले में भी अस्पताल ने अपना पक्ष रखा है।
Recommended Video
क्या
हैं
महिला
के
आरोप
महिला
ने
वीडियो
शेयर
करते
हुए
कहा
है
कि
मेदांता
एक
बड़ा
अस्पताल
है
लेकिन
जिस
तरह
के
हालात
का
सामना
उन्हें
वहां
करना
पड़ा,
वो
भयावह
है।
उन्होंने
बताया
है
कि
उनके
बेटे
को
थैलेसीमिया
बीमारी
है।
जिसके
चलते
उसे
हर
महीने
ब्लड
चढ़ाना
होता
है।
वो
बताती
हैं
कि
कोई
भी
अस्पताल
एक
दिन
के
लिए
रूम
देने
को
तैयार
नहीं
था,
आखिरकार
मेदांता
में
उन्हें
रूम
मिल
गया।
मेदांता
में
बेटे
के
जाने
के
बाद
हमें
2
लाख
रुपए
देने
को
कहा
गया।
इस
पर
मैंने
कहा
कि
जो
प्रोसिजर
है
उसके
तीन
हजार
रुपए
बताए
गए
हैं
और
रूम
का
चार्ज
है।
ऐसे
में
2
लाख
रुपए
किसलिए।
इस
पर
उन्होंने
कहा
कि
वो
ब्लड
चढ़ाने
का
प्रोसिजर
रोक
देंगे।
कोविड-19 के इलाज के लिए दिल्ली के किन अस्पतालों में कितने बेड
महिला ने वीडियो में कहा है कि मुझसे किसी सब्जी मंडी की तरह मोलभाव हुआ और आखिर में 25 हजार में वो मान गए। उनका कहना है कि मेरा बेटा रूम में अकेला पड़ा रहा, कोई डॉक्टर, नर्स उसके पास तक नहीं गया। जबकि कोरोना टेस्ट पहले हो चुका था। बिना डॉक्टर के ही ब्लड़ चढ़ाया गया फिर आधा प्रोसिजर करके रोक दिया गया। रात भर हमें परेशान किया गया। इसके बाद जब डिस्चार्ज किए जाने की बारी आई तो फिर मोलभाव शुरू कर दिया गया। तमाम तरह के सवाल पूछे गए। महिला का कहना है कि जब वो बुरी तरह से लड़ीं और रोईं तब जाके उनके बेटे को डिस्चार्ज किया गया।
डॉक्टरों
ने
ये
दिया
जवाब
मेदांता
गुरुग्राम
के
मेडिकल
सुपरिटेंडेंट
एके
दुबे
ने
इस
वीडियो
के
जवाब
में
कहा
है
कि
महिला
ने
जो
वीडियो
में
कहा
है,
उसमें
सच्चाई
नहीं
है।
महिला
ने
दो
लाख
रुपए
मांगे
जाने
की
बात
कही
है,
जो
कि
गलत
है।
हमने
मरीज
को
देखा
और
बताया
कि
उसे
एनीमिया
है।
डॉक्टरों
ने
उनको
अच्छे
से
देखा
है।
जिन
टेस्ट
को
कहा
गया,
महिला
ने
मना
कर
दिया।
मरीज
की
हालत
को
देखते
हुए
दो
यूनिट
दो
बार
दिए
गए।
मरीज
का
कुल
बिल
ही
30
हजार
है।
जिसमें
16
हजार
रूम
रेंट
था।
तो
जो
बातें
कही
गई
हैं।
उनमें
कोई
सच्चाई
नहीं
है।
'FIR
करवाने
वाले
पर
वसूली
का
आरोप'
वहीं
हाल
में
गुरुग्राम
पुलिस
ने
मेदांता
अस्पताल
के
मालिक
नरेश
त्रेहान
समेत
कई
लोगों
पर
एफआईआर
दर्ज
की
थी।
शिकायतकर्ता
रमन
शर्मा
ने
अपनी
शिकायत
में
आरोप
लगाया
था
कि
साल
2004
में
हरियाणा
सरकार
ने
गुरूग्राम
के
सेक्टर
38
में
53
एकड़
की
जमीन
मेडीसिटी
प्रोजेक्ट
के
लिए
ली
थी,
लेकिन
ऐसा
कुछ
नहीं
हुआ।
इस
मामले
में
भी
अस्पताल
प्रशासन
ने
विस्तार
से
सफाई
दी
है।
साथ
ही
अस्पताल
ने
एफआईआर
करवाने
वाले
शख्स
पर
गंभीर
आरोप
लगाए
हैं।
मेदांता
ने
कहा
कि
जो
आरोप
लगाए
गए
हैं,
वो
पूरी
तरह
से
गलत
हैं।
ऐसा
सिर्फ
सुर्खियों
में
आने
के
लिए
किया
गया
है।
अस्पताल
प्रशासन
के
मुताबिक
FIR
करवाने
वाला
शख्स
रमन
शर्मा
खुद
को
आरटीआई
कार्यकर्ता
बताता
है,
लेकिन
2015
में
उस
पर
जबरन
वसूली
का
एक
मामला
दर्ज
था।
अस्पताल
के
मुताबिक
रमन
पर
दिल्ली
स्थित
कोर्ट
में
भी
दो
मामले
चल
रहे
हैं।
अस्पताल
के
मुताबिक
सारी
प्रक्रिया
नियमानुसार
की
गई
थी।
पढ़ें, मामले पर मेदांता अस्पताल का पूरा बयान-