मक्का मस्जिद ब्लास्ट पर फैसले के बाद गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी मणि ने कहा- हिन्दू आतंक का कोई एंगल नहीं था, क्या कांग्रेस देगी क्षतिपूर्ति?
मक्का मस्जिद ब्लास्ट पर फैसले के बाद गृह मंत्रालय के पूर्व सचिव मणि ने कहा-
हैदराबाद। हैदराबाद स्थित मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में NIA की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने कहा है कि मुझे इसी की उम्मीद थी। सारे सबूत बनाए गए थे। मामले कोई हिन्दू आतंकवाद का एंगल नहीं था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मक्का मस्जिद हमले की योजना बनाई गई,उन्हेें NIA का दुरुपयोग कर बचा लिया गया। उन लोगों को आप क्षतिपूर्ति कैसे करेंगे जिन्हें इतना कुछ सहना पड़ा और उनकी छवि खराब हई. क्या कांग्रेस या अन्य कोई जिसने भी कहानी बनाई वो उन्हें क्षतिपूर्ति देगा?
बता दें कि NIA अदालत में कोई सबूत पेश नहीं कर पाई ऐसे में स्वामी असीमानंद समेत 5 लोगों को आज बरी कर दिया गया। फैसले में ब्लास्ट के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। बता दें कि शुक्रवार की नमाज के दौरान 18 मई, 2007 को ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 58 अन्य घायल हो गए थे। स्थानीय पुलिस की प्रारंभिक जांच के बाद, यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था, जिसने आरोपपत्र दायर किया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2011 में सीबीआई से इस मामले को संभाला। मामले में दक्षिणपंथी संगठनों से कथित तौर पर जुड़े 10 लोग आरोपी थे। हालांकि इनमें से सिर्फ पांच - देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद ऊर्फ नाना कुमार सरकार, भारत मोहनलाल रतेश्वर उर्फ भरत भाई और राजेंद्र चौधरी को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। इन सभी को बरी कर दिया गया है