मक्का मस्जिद ब्लास्ट के जज BJP में हो सकते हैं शामिल
नई दिल्ली। मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस का फैसला सुनाने वाले जज रविंद्र रेड्डी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की इच्छा जताई है। इसी माह जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तेलंगाना गए थे, तब जज रेड्डी ने अपॉइंटमेंट मांगकर उनसे मुलाकात की थी। शाह से मुलाकात कर रेड्डी ने कहा था कि वे पार्टी ज्वॉइन करना चाहते हैं। हालांकि, अभी तक रेड्डी को पार्टी में शामिल किए जाने और पार्टी में उनकी भूमिका पर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी साल अप्रैल में जज रेड्डी ने 2007 के मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में सभी अभियुक्तों को बरी करने का आदेश दिया था।
तेलंगाना बीजेपी चीफ डॉ के लक्ष्मण ने कहा, 'जब अमित शाह ने 14 सितंबर को हैदराबाद का दौरा किया, तब सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने अपॉइंटमेंट मांगकर उनसे मुलाकात की थी। वह पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी में एक बुद्धिजीवी के रूप में अपना योगदान दे सकते हैं या चुनावी राजनीति में शामिल हो सकते हैं।'
के लक्ष्मण ने कहा कि जब वह अमित शाह से मिले तो उन्होंने बीजेपी जैसे राष्ट्रवादी और देशभक्ति पार्टी के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी सेवाओं का उपयोग कर सकती है।
जज रेड्डी उस बेंच में शामिल थे, जिन्होंने 16 अप्रैल को सुनवाई के दौरान मक्का मस्जिद ब्लास्ट में असीमानंद समेत सभी पांच अभियुक्तों को बरी कर दिया था। जज ने कहा था कि अभियुक्तों को इसलिए बरी किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, यानी NIA उस हमले में अभियुक्तों की भूमिका स्थापित करने में नाकाम रही। मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान हुए धमाके में 9 लोगों की मौत हुई थी और 50 से ज्यादा घायल हुए थे।
इस महत्वपूर्ण केस में फैसला सुनाने के कुछ घंटों के बाद ही जज ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। जिस वक्त जज रेड्डी ने इस्तीफा दिया, उस वक्त उनके खिलाफ भी एक जांच चल रही थी। जज रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने एक जमीन विवाद केस में जल्दबाजी में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी थी।
ये भी पढ़ें: कौन हैं स्वामी असीमानंद, जिन्हें मक्का मस्जिद ब्लास्ट में किया गया बरी